1 अक्टूबर 2023: भारत में अपनी भूमिका निभाने वालों को ही सच्चा भारतीय मानने की बात कहने वाले राकेश सिन्हा, एक अग्रणी राज्यसभा सदस्य और सांसद हैं। उन्होंने बताया कि ज्ञान परंपरा को पुनः जीवित करना ही हमारा लक्ष्य है।
दरअसल राकेश सिन्हा ने एक संस्कृति संवर्धन न्यास के व्याख्यान के दौरान यह कहा कि समन्वय से ही भारत चलता है और जो लोग भारत की परीक्षा ले रहे हैं, उन्हें यह जान लेना चाहिए कि भारत अब अग्नि परीक्षा से गुजर चुका है। भारत को रोकने वाला कोई नहीं है। सभ्यता का नया इतिहास रचने के लिए 140 करोड़ जनता तैयार है।
उन्होंने कहा, “सभी भारतीय जो इसके साथ चलेंगे, हमारे साथ चलेंगे। यह सभ्यता की विजय यात्रा भूगोल क्षेत्र बढ़ाने के लिए नहीं है, हमारी यहां विजय यात्रा नवउदारवाद के साथ, लोकमानव पैदा करने के लिए है।”
राकेश सिन्हा ने ज्ञान और विज्ञान के माध्यम से मानवता का आधिपत्य बनाने की महत्वपूर्ण बात की और भावना और विवेक के साथ समृद्ध भारत का सपना देखा।
उन्होंने जो इस देश के प्रयोगधर्मी और आलोचनात्मक चिंतन करने वालों का देश है, उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और भारतीय संस्कृति और विचारधारा को पुनर्जीवित करने के लिए समर्थन दिया।
इस व्यख्यान में उपस्थित व्यक्तियों में अशोक बड़जात्या, विशाल राय, और नवीन गोधा शामिल थे। व्यख्यान का संचालन प्रीति ठाकुर ने किया।
इस अद्भुत व्यक्तिगत विचारधारा के साथ, राकेश सिन्हा ने अपने विचारों को दर्शाया और भारतीय समाज के निर्माण में ज्ञान और समृद्धि के माध्यम के महत्व को प्रमोट किया।