पी.वी.सिंधु ने 29 माह बाद खिताबी सफलता हासिल की

Mohit
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धर्मेश यशलहा

पूर्व विश्व विजेता भारत की 26वर्षीय पी.वी.सिंधु (P.V. Sindhu) ने एकतरफा फाइनल में हमवतन मालविका बंसोड़ को 21-13,21-16से 35मिनट में हराकर सैयद मोदी इंडिया अंतरराष्ट्रीय सुपर-300 बैडमिंटन (badminton) स्पर्धा दूसरी बार जीत ली, लखनऊ के बनारसी दास बाबु स्टेडियम में पहले क्रम की सिंधु को थाईलैंड की सुपनिदा कतेथोंग से क्वार्टर फाइनल मैच के अलावा कोई चुनौती नहीं मिली, उन्होंने अपेक्षानुरुप खेल दिखाते हुए अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपने खिताबी सूखे को समाप्त किया, अगस्त 2019में विश्व विजेता बनने के बाद से ही सिंधु खिताब को तरह रही थी, सिंधु पिछले साल मार्च में स्विस खुली और दिसम्बर में विश्व टूर फाइनल्स-2021स्पर्धा के फाइनल में खेली, लेकिन हार गई,

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टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी पिछले साल सिंधु को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा, विश्व बैडमिंटन स्पर्धा में क्वार्टर फाइनल में हार गई, पिछले साल ही सिंधु स्विस खुली सुपर-300 के फाइनल में स्पेन की कारोलिना मारिन से 12-21,5-21से और विश्व टूर फाइनल्स के फाइनल में दक्षिण कोरिया की एन से युंग से 16-21,12-21से हारी, सिंधु ने 2017 में इंडोनेशिया की ग्रेगोरियो मरिस्का तुनजुंग को 21-13,21-14 से हराकर यह स्पर्धा पहली बार जीती,आज महिला एकल फाइनल में विश्व नंबर 7 सिंधु ने विश्व नंबर 84 मालविका बंसोड़ पर पहले गेम में 11-1से मात्र 4मिनट में, फिर 12-3,15-7 और 19-9 की आसान बढ़त बनाई, दूसरे गेम में भी सिंधु ,6-3,11-4और 17-8 से आगे हुई, 20 वर्षीय मालविका ने पिछले सप्ताह ही भारतीय खुली सुपर-500 स्पर्धा में साइना नेहवाल को दूसरे दौर में हराकर उलटफेर किया था, वे क्वार्टर फाइनल में आकर्षी कश्यप से हारी थी, मालविका ने आकर्षी को यहां क्वार्टर फाइनल में ही हराया, आज सिंधु के आगे वे निसहाय रही,सुपर सीरीज में 3खिताब 2016में चीन खुली सुपर सीरिज प्रीमियर,2017 में भारतीय खुली और कोरिया खुली सुपर सीरिज के बाद सिंधु ने विश्व टूर में यह दूसरा खिताब ही जीता है, 2018में सिंधु ने विश्व टूर फाइनल्स स्पर्धा जीती थी, निश्चित ही सिंधु का इस सफलता से मार्च में होने वाली स्पर्धाओं की तैयारी में मनोबल बढ़ेगा,

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पुरुष एकल फाइनल-No Match घोषित:कोरोना असर

सैयद मोदी इंडिया अंतरराष्ट्रीय सुपर-300 बैडमिंटन स्पर्धा(लखनऊ) में पुरुष एकल फाइनल नहीं हुआ, फाइनल फ्रांसीसी खिलाड़ी के ही बीच था, आज सुबह एक खिलाड़ी की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पाज़ीटिव आई ,दूसरा निकट सम्पर्क का खिलाड़ी होने से अर्नाल्ड मेर्कले और लुकास क्लेयरबाउट, दोनों को ही नाम वापस लेना पड़ा है,
विश्व बैडमिंटन महासंघ ने इस फाइनल को “नो मैच”( No match) घोषित किया, अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है ,जब सुपर श्रेणी की स्पर्धा का पुरुष एकल फाइनल नहीं हुआ, फाइनल परिणाम,उनकी इनामी राशि और रैंकिंग अंक शून्य कर दी गई, लखनऊ में 18 से 23 जनवरी तक हुई इस स्पर्धा में सेमीफाइनल के अलावा हर दौर में कोरोना की तीसरी लहर की वजह से मैच वाक ओवर और नो मैच हुए, यह स्पर्धा कोरोना महामारी की वजह से 2020और 2021में नहीं हो सकी,

सभी फाइनल में भारतीय खिलाडी

स्पर्धा में चार फाइनल ही हुए, भारत और मलेशिया ने दो-दो खिताब जीते,भारतीय खिलाड़ी चारों फाइनल में थे,दो फाइनल महिला एकल और मिश्रित युगल भारतीय खिलाडियों के बीच ही हुआ, पुरुष एकल फाइनल में ही कोई भारतीय नहीं आया था, जो हो ही नहीं सका, फाइनल इतने एकतरफा हुए कि 2 घंटे 9 मिनट में चारों मैच खत्म हो गए,
इशान और तनिषा को मिश्रित युगल खिताब
उभरती जोड़ी इशान भटनागर और तनिषा क्रास्टो ने इस स्पर्धा में भारत को मिश्रित युगल का खिताब तीसरी बार दिलवाया, सातवें क्रम के इशान भटनागर और तनिषा क्रास्टो ने हमवतन टी.हेमानागेंद्र बाबु और श्रीवेदया गुराझदा को 21-16,21-12 से सिर्फ 29 मिनट में हराया,2009में अरुण विष्णु और अपर्णा बालन एवं 2017 में प्रणव जैरी चोपड़ा और सिकी रेड्डी ने मिश्रित युगल खिताब जीता था, अरुण विष्णु आज प्रशिक्षक के रूप में मौजूद थे, भारतीय खिलाडियों ने इस स्पर्धा में अब तक 15 खिताब हासिल किए हैं, सर्वाधिक 3 बार 2009,2014और 2015में साइना नेहवाल विजेता रही हैं,

दो युगल खिताब मलेशिया के नाम

पुरुष युगल और महिला युगल में भारत को इस स्पर्धा में अब तक कोई खिताब नहीं मिला हैं, विश्व नंबर 65, आठवें क्रम के मलेशिया के मान वेई चोंग और काई वुन टी ने विश्व नंबर 74,छठवें क्रम के कृष्ण प्रसाद गर्ग और विष्णु वर्धन गोड पंजला को 21-18,21-15 से हराया, दोनों उभरती जोड़ी हैं,
विश्व नंबर 138, आठवें क्रम की मलेशिया के अन्ना चिंग यिक चेओंग और तेओह मेई झिंग ने विश्व नंबर 116, सातवें क्रम की भारत की ट्रेसा जोली और गायत्री गोपीचंद को 21-12,21413 से 32 मिनट में हराया, अन्ना 23 वर्षीय और तेओह तो 34 वर्षीय है,

अब भारत में विश्व सुपर श्रेणी की लगातार तीसरी बैडमिंटन स्पर्धा कटक में पहली ओडिशा खुली सुपर-100 स्पर्धा 25 से 30 जनवरी तक होगी, जिसमें योग्यता चक्र मुकाबले भी होंगे,