इंदौर में आज मंगलवार से नई व्यवस्था और नये स्वरूप के साथ जनसुनवाई प्रारंभ हुई। कलेक्टर कार्यालय में सुनवाई की विकेन्द्रीकृत व्यवस्था की गई है। आज 350 से अधिक आवेदकों ने अधिकारियों के कक्ष में सीधे पहुंचकर अपनी समस्याएं बताई। कलेक्टर श्री आशीष सिंह सहित सभी अपर कलेक्टरों और अन्य विभागीय अधिकारियों ने आवेदकों की समस्याओं को गंभीरता के साथ सुनकर निराकरण किया। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने किसी को पढ़ाई के लिए मदद दी तो किसी के विरूद्ध इलाज में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की।
मानवीय संवेदना का बेहतर उदाहरण
कलेक्टर कार्यालय में आज जन सुनवाई के दौरान कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने अपनी मानवीय संवेदना का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया। जब वे जन सुनवाई की नई व्यवस्था का निरीक्षण कर रहे थे, उसी समय भीड़ में एक दिव्यांग बुजुर्ग महिला दिखाई दी। कलेक्टर स्वयं उसके पास पहुंचे। महिला के समक्ष नीचे बैठकर ध्यानपूर्वक समस्या को सुना। बुजुर्ग महिला ने बताया कि मैं लसूड़िया में रहती हूं। मुझे मकान की समस्या है। अभी पर्याप्त जगह नहीं है। मकान में वर्षा के दौरान पानी भर जाता है। बहुत समस्या है। कहीं मकान मिल जाये तो ठीक रहेगा। सावित्री नानेरिया नामक इस महिला को मकान उपलब्ध कराने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। इसी तरह दोनों पैरों से दिव्यांग छात्रा गौरा बडौले को पढ़ाई के लिए रेडक्रास से 25 हजार रुपये की मदद दी। गौरा बडौले ने बताया कि मैं दिव्यांग हूं। मैं बी.एड. की पढ़ाई खरगोन से आकर इंदौर में कर रही हूं। बी.एड. का यह मेरा आखिरी साल है। मुझे मदद मिलेगी तो मैं पढ़कर पास हो जाऊंगी और अच्छी नौकरी मिल जायेगी। इसी तरह कुलकर्णी भट्टा में रहने वाली विधवा महिला काशीबाई को अपने कच्चे मकान की मरम्मत के लिए पांच हजार रुपये स्वीकृत किये।
अस्पताल के विरूद्ध होगी कार्रवाई
इसी तरह कलेक्टर श्री आशीष सिंह के समक्ष एक युवा दंपत्ति अपनी समस्या लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि मेरी पत्नी के इलाज में स्टार हेल्थ केयर अस्पताल द्वारा गंभीर लापरवाही की गई है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के दल ने जांच कर अपना प्रतिवेदन सीएमएचओ को दिया है। इस प्रतिवेदन में अस्पताल की लापरवाही का उल्लेख है। इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कलेक्टर ने सीएमएचओ को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिये।
व्यवस्था को और अधिक सरल तथा बेहतर बनाया जायेगा
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्राप्त समस्याओं का तत्काल एवं सकारात्मक निराकरण सुनिश्चित करें। निराकरण की टीप आवेदक के आवेदन पर लिखें। इसकी एंट्री निर्धारित पोर्टल पर भी करें। उन्होंने कहा कि निराकरण की मेरे द्वारा हर सप्ताह समीक्षा की जायेगी। मैं हर जन सुनवाई में कोर्ट रूम में मौजूद रहूंगा। कलेक्टर ने कहा कि जनसुनवाई की व्यवस्था को और अधिक सरल तथा बेहतर बनाया जायेगा। अधिकारियों द्वारा समस्याओं के निराकरण में लापरवाही पाये जाने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने नागरिकों की समस्याओं को समय पर सुनकर उनके समय-सीमा में प्रभावी निराकरण के लिए जनसुनवाई में नई व्यवस्था निर्धारित की है। इसके अनुसार जनसुनवाई में कलेक्टर कार्यालय में संचालित विभागों के कार्यालय प्रमुख एवं समस्त अपर कलेक्टर अपने-अपने कक्ष में नियत समय पर बैठकर आवेदकों की समस्याओं को सुनेंगे और उनका निराकरण करेंगे।