निजी औद्योगिक संस्थानों और राजकीय कामगारों को मतदान के लिए मिलेगा सवैतनिक अवकाश

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भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार विधानसभा के आम चुनाव के तहत मतदान 17 नवम्बर 2023 (शुक्रवार) को होगा। निर्वाचन आयोग के निर्देश अनुसार मध्यप्रदेश राज्य के निजी औद्योगिक संस्थानों एवं राजकीय उपक्रमों के ऐसे नियोजित कामगार जो मध्यप्रदेश राज्य के मतदाता है उन्हें मतदान हेतु नियत मतदान दिवस को सवैतनिक अवकाश मिलेगा। इस संबंध में प्रदेश के श्रमायुक्त द्वारा परिपत्र जारी कर दिया गया है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 (ख) के अनुसार मतदान के दिन किसी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य स्थापन में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को, जो विधानसभा के लिए निर्वाचन में मतदान करने का हकदार है, को मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश मंजूर किये जाने का प्रावधान है।

धारा 135 (ख) में कहा गया है कि मतदान के दिन कर्मचारियों को सवेतन अवकाश की मंजूरी दी जाये। किसी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम अथवा अन्य किसी स्थापन में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को, जो किसी राज्य की लोकसभा/विधानसभा के लिए निर्वाचन में मतदान करने का हकदार है, मतदान के दिन अवकाश मंजूर किया जायेगा। उपधारा (1)के अनुसार अवकाश मंजूर किए जाने के कारण किसी ऐसे व्यक्ति की मजदूरी से कोई कटौती या उसमें कोई कमी नहीं की जाएगी। यदि ऐसा व्यक्ति इस आधार पर नियोजित किया जाता है कि उसे सामान्यतया किसी ऐसे दिन के लिए मजदूरी प्राप्त नहीं होगी तो इस बात के होते हुए भी उसके ऐसे दिन के लिए वह मजदूरी सदत की जाएगी, जो उस दिन उसे अवकाश मंजूर न किए जाने की दशा में दी गयी होगी।

यदि कोई नियोजक उपधारा (1) या उपधारा (2) के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, तो ऐसा नियोजक जुर्माना से, जो 500 रूपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा। यह धारा किसी ऐसे निर्वाचक को लागू नहीं होगी जिसकी अनुपस्थिति से उस नियोजन के संबंध में जिसमें वह लगा हुआ है, कोई खतरा या सारवान हानि हो सकती है। मध्यप्रदेश राज्य में स्थित औद्योगिक व वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों तथा अन्य सभी प्रकार के स्थापना के नियोजकों को निर्देशित किया गया है कि वे उनके संस्थान में कार्यरत सभी व्यक्तियों को, जिनमें आकस्मिक एवं दैनिक मजदूर भी सम्मिलित है, जो मध्यप्रदेश राज्य के पंजीकृत मतदाता है ,उन्हें मतदान तिथि 17 नवम्बर 2023 (शुक्रवार) को सवैतनिक अवकाश प्रदान करे, ताकि उनके द्वारा मतदान के अधिकार का स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।