मोरबी। गुजरात के मोरबी में पिछले साल अक्टूबर में झूला पुल गिरने से नदी में डूबकर 134 लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में आरोपी ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक (MD) जयसुख पटेल ने आज मोरबी में सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। इससे पहले सीजेएम कोर्ट ने जयसुख पटेल के खिलाफ वॉरंट जारी किया था।
जानकारी के लिए आपको बता दे कि, झूला पुल गिरने के मामले में 1,262 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। इस घटना ने 134 लोगों की जान ले ली थी। चार्जशीट में आरोपी के तौर पर ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल का नाम शामिल किया गया है। इससे पहले खबर थी कि जयसुख पटेल विदेश भागने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन आज वह अचानक अपने वकील के साथ कोर्ट में पेश हुए।
ब्रिज मामले की सुनवाई कल 1 फरवरी को होगी। वहीं, ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल की अग्रिम जमानत की याचिका पर भी कल सुनवाई होनी थी। चार्जशीट में बताया गया है कि मोरबी पुल की जो 49 केबल थीं, वहां 29 ऐसी रहीं जिन पर जंग लग चुकी थी। आरोप ये भी लगा है कि ओरेवा के मालिक ने लापरवाही बरतते हुए कोई स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट भी नहीं लिया था।
बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। इससे पहले गिरफ्तारी से बचने के लिए जयसुख पटेल ने मोरबी की सत्र अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। चार्जशीट के मुताबिक, ओरेवा कंपनी से अगले 15 साल यानी 2037 तक के लिए पुल की मरम्मत, रखरखाव और ऑपरेशन का समझौता किया गया था।
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