इंदौर नगर निगम बजट सत्र के दूसरे दिन भी नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने सदन में जोरदार हंगामा किया। उन्होंने महापौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया और भाजपा की परिषद द्वारा तानाशाह रवैया के साथ बजट पास कर दिया गया।
चिंटू चौकसे से ने कहा कि वह जनता के हित में भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं वहीं महापौर और निगम परिषद के मेंबरों ने उन्हें आज बोलने नहीं दिया। वहीं दूसरी ओर महापौर पुष्यमित्र भार्गव की माने तो विपक्ष के नेता गलत तरीके से विरोध प्रदर्शन करते हुए सदन की कार्रवाई में बाधा उत्पन्न कर रहे थे, जिसके चलते बीते दिन उन्हें एक दिन के लिए निष्कासित किया गया था।
वही सदन की कार्रवाई के दूसरे दिन भी कांग्रेस के पार्षदों ने चिल्ला पुकार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। जनता के हित में लिए फैसलों को वह सहन नहीं कर पा रहे हैं।आपको बता दे कि बजट सत्र के दूसरे दिन आज 1 घंटे का प्रश्नकाल हुआ। लेकिन बीजेपी और कांग्रेसी पार्षद प्रश्न कम लेने पर पर हंगामा कर रहे हैं।
हंगामा अधिक होने के कारण सभापति को एक बार पांच मिनट के लिए और दूसरी बार 10 मिनट के लिए कार्यवाही रोकना पड़ी। जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति मुन्नालाल यादव ने नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को चर्चा के लिए बुलाया। चौकसे बोलने खड़े हुए तो भाजपा पार्षद फिर हंगामा करने लगे। इसके बाद सदन पांच मिनट के लिए स्थगित किया गया।
पांच मिनट बाद कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति ने कहा कि मैं सदन की कार्यवाही सुचारू चलाने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन ये संभव नहीं। इसके बाद उन्होंने बहुमत से बजट पास करने की सूचना दी। इसके बाद सभी पार्षद, महापौर, सभापति राष्ट्रगान के लिए खड़े हो गए।