नई दिल्ली। साल 2023 पिछले वर्षों की तुलना में आर्थिक दृष्टि से और कठिन साबित होने वाला है। नए साल में दुनियाभर में आर्थिक संकट और मंदी की आशंका और गहराने लगी है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) चीफ ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी के लिए 2023 ग्लोबल डेवलपमेंट के लिहाज से एक मुश्किल साल होने जा रहा है। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ( IMF chief Kristalina Georgieva) ने कहा- ‘नया साल उस साल की तुलना में कठिन होने जा रहा है, जिसे हम पीछे छोड़ आए हैं। क्योंकि तीन-तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन सभी एक साथ स्लो डाउन की तरफ बढ़ रही हैं।
IMF चीफ ने कहा कि साल 2023 ग्लोबल इकॉनमी के लिए सबसे बुरी मंदी का संकेत दे रहा है। इस मंदी के लिए सबसे बड़े जिम्मेदार के तौर चीन अमेरिका और यूरोपीय देश हो सकते हैं और इससे बेरोजगारी से लेकर मंहगाई तक की दिक्कतें बढ़ेंगी। हालांकि उन्होंने इस मामले में रूस यूक्रेन युद्ध को भी मंदी का एक अहम कारण माना है।
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चीन में जीरो कोविड पॉलिसी की समाप्ति और अर्थव्यवस्था के खोलने के बावजूद कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए उपभोक्ताओं में चिंता है। कोविड पॉलिसी में परिवर्तन के बाद नये साल पर अपने पहले संबोधन में शनिवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि हम एक नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं, इसके लिए और अधिक प्रयास और एकता की जरूरत होगी।
IMF चीफ ने कहा, 40 वर्षों में पहली बार 2022 में चीन की वृद्धि वैश्विक वृद्धि के बराबर या उससे कम रहने की संभावना है। इसके अलावा, आने वाले महीनों में अपेक्षित COVID संक्रमणों का एक दौर चीन की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है जिसका सीधा असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी होता नजर आएगा। जब से चीन ने अपनी जीरो-कोविड पॉलिसी को खत्म कर दिया है और अपनी अर्थव्यवस्था को आक्रामक रूप से फिर से खोलना शुरू कर दिया है।