Navratri 2021: नवरात्रि के छठवें दिन होती है मां कात्यायनी की पूजा, जानिए कथा, पूजन विधि और मंत्र

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Navratri 2021 Day 6 Maa Katyayani Puja : मां दुर्गा के नौ रूपों में छठा रूप कात्यायनी देवी का है। आज नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति देवी कात्यायनी की पूजा करने का विधान है। यजुर्वेद में प्रथम बार ‘कात्यायनी’ नाम का उल्लेख मिलता है। माना जाता है कि देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए आदि शक्ति देवी के रूप में महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट हुई थीं।

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माँ कात्यायनी, माता के षष्ठ स्वरूप कात्यायनी का महत्व और शक्तियां

महर्षि ने देवी को अपनी कन्या माना था, तभी से उनका नाम ‘कात्यायनी’ पड़ गया। कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति को अपनी सभी इंद्रियों को वश में करने की शक्ति प्राप्त होती है। कात्यायनी मां को दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी कहा गया है। मां कात्यायनी की चार भुजाएं हैं और इनकी सवारी सिंह है। महिषासुर नामक असुर का वध करने वाली माता भी यही हैं।

मां कात्यायनी की पूजा विधि
-इस दिन प्रातः काल में स्नान आदि से निवृत्त होकर मां का गंगाजल से आचमन करें।
-अब देवी कात्यायनी का ध्यान करते हुए उनके समक्ष धूप दीप प्रज्ज्वलित करें।
-रोली से मां का तिलक करें अक्षत अर्पित कर पूजन करें।
-मां कात्यायानी को गुड़हल या लाल रंग का फूल चढ़ाना चाहिए।
-मां कात्यायनी की आरती करें और पूजा के अंत में क्षमायाचना करें।
-देवी भगवती की कृपा प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती, कवच और दुर्गा चलीसा आदि का पाठ करना चाहिए।

Navratri 2021

मंत्र
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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