भोपाल। आज यानि मंगलवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल, हाईकोर्ट ने 27% OBC आरक्षण सहित अन्य सभी याचिकाओं पर बड़ा फैसला सुनाते हुए OBC आरक्षण को लेकर पूर्व में दिए गए आदेश में अंतरिम बदलाव किये है। हाईकोर्ट ने OBC की सभी भर्तियां 14% रिजर्वेशन के अनुसार करने का आदेश दिया है साथ ही 13% रिजर्वेशन रिजर्व रखने का आदेश भी दिया है। वही अब इस मामले में अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।
दरअसल, रिजर्वेशन पर फैसले के इंतजार में भर्ती प्रक्रियाओं पर असर पड़ रहा था। जिसके चलते हाईकोर्ट में OBC को 27% आरक्षण की संवैधानिकता, 10% इकोनॉमिक वीकर सेक्शन और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) आरक्षण की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय शुक्ला की डबल बेंच ने पूर्व में 19 मार्च 2019 और 31 जनवरी 2020 को जारी अंतरिम आदेशों में बदलाव किए और अंतरिम व्यवस्था दी है। आरक्षण के चलते भर्ती प्रक्रिया में आ रही अड़चनों को देखते हुए हाईकोर्ट ने OBC की सभी भर्ती प्रक्रिया अभी 14% आरक्षण के अनुसार करने की व्यवस्था दी है। OBC का 13% आरक्षण रिजर्व रखा जाएगा।
31 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई
आज हाईकोर्ट में 50% से अधिक आरक्षण को लेकर चुनौती देने वाली सभी 31 याचिकाओं में याचिका दायर की गई। इन 31 याचिकाओं में OBC के छात्र एवं छात्राओं सहित अपाक्स संगठन, OBC एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन, पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा, OBC, एससी-एसटी एकता मंच आदि कई सामाजिक संगठनों की ओर से हस्तक्षेप याचिका है। वही दौरान अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा EWS आरक्षण की संवैधानिकता को भी चुनौती दी गई है।
ये है पूरा मामला
वही पूरे मामले के बारे में बात की जाए तो मध्य प्रदेश में OBC की आबादी 50% से अधिक होने का हवाला देते हुए OBC आरक्षण को 27% देने के सरकार के निर्णय को चुनौती दी गई। इस दौरान कांग्रेस के 15 महीने के शासन में OBC को 27% आरक्षण देने का निर्णय लिया गया था। OBC को 27% आरक्षण देने पर आरक्षण का कुल कोटा 50% से अधिक हो जा रहा था। इसे आधार बनाकर हाईकोर्ट में विभिन्न पक्षों ने पक्ष-विपक्ष में कुल 31 याचिकाएं लगा रखी हैं। हाइकोर्ट एक साथ सभी याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। वहीं अब अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को 10 अगस्त से पहले लिखित में बहस पेश करने को कहा है। 10 अगस्त को हाईकोर्ट इस आधार पर निर्णय सुना सकती है।