मध्यप्रदेश में प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए अब B.Ed की बजाय D.Ed (डिप्लोमा इन एजुकेशन) की आवश्यकता होगी। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने लागू किया है। इस नए आदेश से पिछले एक साल में B.Ed की डिग्री प्राप्त कर प्राथमिक शिक्षक बनने वाले शिक्षकों की स्थिति प्रभावित हो सकती है।
500 से ज्यादा प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी पर खतरा
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, लगभग 500 से अधिक प्राथमिक शिक्षकों की नौकरियों को खतरा उत्पन्न हो गया है। लोक शिक्षण संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को 10 अगस्त 2023 के बाद B.Ed की डिग्री प्राप्त कर नियुक्त हुए प्राथमिक शिक्षकों की पूरी जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं।
रिपोर्ट और नियुक्ति की समीक्षा
जिला शिक्षा अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट के आधार पर, B.Ed डिग्री वाले सभी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति को निरस्त किया जाएगा। इस कदम से उन शिक्षकों को प्रभावी होना पड़ सकता है जिन्होंने B.Ed के माध्यम से नौकरी प्राप्त की थी और अब उन्हें D.Ed की डिग्री के अनुसार मान्यता प्राप्त करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने इस नीति बदलाव को अनिवार्य कर दिया है, और राज्य सरकार ने अदालत के निर्देशों के पालन में यह निर्णय लिया है। इस बदलाव का उद्देश्य प्राथमिक शिक्षकों की योग्यताओं को मानक के अनुसार सुधारना है और सुनिश्चित करना है कि सभी नियुक्त शिक्षक नियामक मानकों पर खरे उतरें।