मध्य प्रदेश बोर्ड परीक्षा फॉर्म को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। प्रदेश के कुछ स्कूलों ने विध्यार्थियों से परिक्षा के नाम पर फिस ले ली है, लेकिन उनके फार्म नही भरें गए है जिसकी वजह से अब उनको अधिक शुल्क के साथ परिक्षा फॉर्म भरने होंगे। इसके लिए छात्रों को 2 हजार से लेकर 5 हजार तक विलंब शुल्क के साथ फार्म भरना होगा। वहीं इसी के साथ होने वाली परिक्षा के तारीखों के ऐलान कर दिया है। जो 13 फरवरी से आयोजित की जाएंगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान के मुताबिक 10वीं 12वीं प्रैक्टिकल परीक्षा (practical exam) 13 से 28 फरवरी तक आयोजित की जाएगी जबकि परीक्षा का आयोजन 1 मार्च से 31 मार्च 2023 तक आयोजित किया जाएगा।
11 स्कूलों ने ली परिक्षा फिस लेकिन नही भरे फार्म
माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं 12वीं परीक्षा में सामान्य शुल्क 900 के साथ 30 सितंबर तक परीक्षा फॉर्म भरने का समय दिया गया था। हालांकि 100 रूपए विलंब शुल्क के साथ इसके बाद फॉर्म भरे जा सकेंगे। राजधानी के उच्च माध्यमिक विद्यालय, कान्वेंट सहित 11 स्कूलों ने अपने छात्रों से परीक्षा फॉर्म फीस ले ले लेकिन अब तक परीक्षा फॉर्म नहीं भरा है।
स्कूल प्रशासन ने दिया ये तर्क
स्कूल के इस लापरवाही का खामियाजा 3000 छात्रों को भुगतना पड़ेगा 3000 छात्र को विलंब शुल्क के साथ परीक्षा फॉर्म भरना होगा। स्कूलों का तर्क है कि अंतिम तिथि पर विद्यार्थियों की फीस ऑनलाइन जमा की जा रही थी लेकिन ट्रांजैक्शन फेल हो गया है। इस कारण परीक्षा फॉर्म की फीस जमा नहीं की गई है।
एमपी बोर्ड ने किया इनकार
अब विलंब शुल्क लगने के कारण छात्रों के परीक्षा फॉर्म नहीं भरे जा रहे हैं। विलंब शुल्क 1000 रूपए हो गया है जबकि प्रति छात्र के शुल्क विलंब शुल्क के साथ करीब 2000 रूपए भरने होंगे। 20 नवंबर तक विलंब शुल्क के साथ ही स्कूल फॉर्म जमा नहीं किया जाता है तो छात्रों को 5000 रुपए विलंब शुल्क देना होगा जबकि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा तिथि बढ़ाने से इनकार किया जा चुका है।
ऐसे में स्कूल की लापरवाही का सीधा सीधा खामियाजा 3000 से अधिक छात्रों को भुगतना होगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा के संबंध में विस्तृत समय सारणी जल्द ही घोषित की जाएगी।10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा में करीब 18 लाख से अधिक छात्र शामिल हो सकते हैं।
1 से 31 मार्च तक आयोजित होगी परिक्षाएं
इससे पहले 3 अक्टूबर को माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्देश जारी किए गए थे। जिसमें कहा गया था कि 13 फरवरी से 25 मार्च के बीच प्रायोगिक परीक्षा ली जाएगी। 15 फरवरी से 20 मार्च के भी सैद्धांतिक परीक्षा आयोजित की जाएगी। हालांकि बोर्ड के सदस्यों के विरोध देखने के बाद एक बार फिर से परीक्षा की तारीख में संशोधन किया गया है। अब प्रायोगिक परीक्षा 13 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित की जाएगी जबकि सैद्धांतिक परीक्षाएं 1 मार्च से 31 मार्च तक आयोजित होंगी।