भारत में मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं, और इन बदलावों का केंद्र बंगाल की खाड़ी बन गई है। पिछले हफ्ते बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात फेंगल ने तमिलनाडु, कर्नाटक और पुडुचेरी में भारी तबाही मचाई थी, जिससे इन राज्यों में बड़े पैमाने पर जनजीवन प्रभावित हुआ था। अब भारतीय मौसम विभाग ने एक और नए चक्रवात की चेतावनी जारी की है, जिसके कारण आगामी दिनों में फिर से मौसम में कड़ापन देखने को मिल सकता है।
देश में मौसम का मिजाज
बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हो रहे दबावों के कारण मौसम में गंभीर बदलाव की संभावना है, और अगले तीन से चार दिनों के दौरान भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश और तूफान की स्थिति बन सकती है। विशेष रूप से 12 और 13 दिसंबर को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कर्नाटक में बहुत भारी बारिश की आशंका है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों, रायलसीमा, दक्षिण कर्नाटक, केरल और माहे में भी मूसलधार बारिश हो सकती है। इस पृष्ठभूमि में मौसम विभाग ने नागरिकों और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटनाओं से बचा जा सके।
इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
बीते कुछ महीनों में बंगाल की खाड़ी में कई चक्रवात बने हैं, जिनका व्यापक प्रभाव पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में देखा गया है। इन घटनाओं से इन राज्यों में बाढ़, तेज बारिश और अन्य नुकसान हुआ था। हाल ही में, चक्रवात फेंगल ने खासकर तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी संकट पैदा किया था। अब, मौसम विभाग ने नए दबाव और चक्रवात के संकेतों को देखते हुए फिर से इन क्षेत्रों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
इन राज्यों में बारिश की संभावना
आईएमडी (भारतीय मौसम विभाग) के अनुसार, 12 और 13 दिसंबर को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में अत्यधिक बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा, दक्षिण कर्नाटक, केरल और माहे में भी भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित रहने के लिए जरूरी उपाय करें, और प्रशासन से भी किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयारी रखने को कहा है।
इससे पहले, चक्रवात फेंगल ने तमिलनाडु, कर्नाटक और पुडुचेरी में काफी नुकसान पहुंचाया था, और अब एक नए तूफान के कारण फिर से इन क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में इन राज्यों के लोग और प्रशासन दोनों को सख्त सावधानी बरतने की जरूरत है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित संकट से बचा जा सके।