इंदौर, 24 मार्च 2022: बदलते दौर में दाल, दलहन और अनाज के खरीदारों की पसंद और प्राथमिकता दोनों बदल गई हैं। उनकी पसंद और जरूरत को पूरा करने के लिए दाल, अनाज एवं अन्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की चुनौतियां भी बढ़ी हैं और अब पहले से ज्यादा तेज, उच्च स्तरीय, सुविधाजनक मशीनों की आवश्यकता है। इसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए और इस तरह की मशीनों की जानकारी उद्योग संचालकों और आम लोगों तक पहुँचाने के लिए ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन द्वारा दाल, अनाज एवं अन्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की अत्याधुनिक मशीनों की प्रदर्शनी ‘ग्रेनएक्स इंडिया-2022″ का आयोजन किया गया है।
ALSO READ: Indore: JCB हादसे पर आयुक्त का एक्शन, BI और BO को जारी होगा नोटिस
24 से 26 मार्च 2022 तक लाभ-गंगा कन्वेंशन सेंटर, बाईपास रोड, इंदौर में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन मध्य प्रदेश के राज्यपाल महामहिम मंगु भाई पटेल ने किया। इस अवसर पर प्रदेश शासन के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक महेंद्र हार्डिया, इंदौर के पूर्व महापोर कृष्ण मुरारी मोघे, मध्य प्रदेश के अनाज संघ के अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल एवं अकोला के दालमिल के अध्यक्ष रमेष सुरेखा एवं कई जिलाधिकारी भी मौजूद थे।
राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने एसोसिएशन की सराहना करते हुए प्रदर्शनी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और कहा कि इस तरह के आयोजन क्रांतिकारी बदलाव लाते हैं। मोटे अनाजों का उत्पादन पिछले वर्षों की तुलना में कई गुना बढ़ा है। सरकार किसानों के हित में निरंतर प्रयास कर रही है और खेती को लाभ का धंधा बनाने की कोशिश की जा रही है। उत्पादन बढ़ने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह प्रयास कारगर साबित हो रहा है।
इस आयोजन में ऐसी नई मशीनें प्रदर्शित की गई हैं जिनसे गुणवत्तायुक्त दालें और उच्च स्तरीय प्रोडक्ट मिलेंगे। उद्योग संचालकों और उपभोक्ताओं दोनों को ज्यादा सुविधा मिलेगी। प्रधान मंत्रीजी का जो आत्म निर्भर भारत का जो सपना है वो आप लोगो के बिना अधूरा है, आप जेसे व्यापारीयों का देश के निर्माण में विशेष योगदान है l सामाजिक सरोकार में संस्था कि प्रतिबद्धता सराहनीय है l
आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन द्वारा कोविड में किये गए कार्यो के लिए वे बधाई के पात्र है l राष्ट्रिय आय में विशेष योगदान और 65 प्रतिशत आबादी को आजीविका कृषि क्षेत्र देता है l सरकार ने भी कृषि आधारित उद्योगों को बढावा देने के लिए भी कई योजना चलाई है और इनके लिए संसाधन जुटाने और आधुनिक मशीनों के जिए पूंजी के लिए भी सरकार सहियोग कर रही है l
ऐसी प्रदर्शनी एक सराहनीय प्रयास
केबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि दाल मिल एवं इसी तरह के अन्य उद्योग संचालकों को अपनी मशीनों की खरीदारी के लिए शहर-शहर भटकना पड़ता है। कई शहरों में अलग-अलग कंपनियों की मशीनों को देखने के बाद वे बेहतर विकल्प का चयन कर पाते हैं लेकिन इस प्रदर्शनी के माध्यम से वे अपने देश की ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियों की मशीनें भी एक ही स्थान पर देख पा रहे हैं। इससे उन्हें परेशानी भी कम होगी और वे लाइव डेमो के माध्यम से मशीनों का संचालन और प्रदर्शन भी देख सकते हैं। दाल मिलों व उद्योगों का संचालन और प्रदर्शन बेहतर बनाने की दिशा में यह सराहनीय प्रयास है।
देश-विदेश की 100 से ज्यादा कंपनियां, 110 से ज्यादा स्टॉल
ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल ने बताया कि दाल, सोयाबीन, चना, चावल, गेहूं, मसाला सहित अनाज उद्योग की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने, व्यापार का विस्तार करने और आधुनिकीकरण संबंधी सभी जानकारी को एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इस प्रदर्शनी में देश-विदेश की 100 से ज्यादा कंपनियों ने भाग लिया है। दाल मिलिंग, पैकेजिंग, क्लीनर ग्रेडर से लेकर मैग्नेटस बनाने वाली कंपनियां तक इनमें शामिल हैं। प्रदर्शनी में चीन, जापान, तुर्की सहित अन्य देशों की अनेक नामी कंपनियों के साथ भारत के चेन्नाई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, राजकोट, सोनीपत, फरीदाबाद, दिल्ली सहित अनेक शहरों के खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की मशीन निर्माता कंपनियां अपनी अत्याधुनिक मशीनों (उत्पादों) का लाइव डेमो दे रही हैं।
मिलों और व्यापारियों के लिए एक बड़ा मंच
श्री सुरेश अग्रवाल ने बताया कि – मध्यप्रदेश और राजस्थान में 900 से अधिक दाल मिलें, लगभग 250 सोयाबीन मिलें, 110 से अधिक चना मिलें, लगभग 500 चावल मिलों के साथ गेहूं व मसाले के हजारों व्यापारी-डीलर हैं। वहीं भारत में 1200 से अधिक आटा मिलें भी है। इनमें से 15 फीसद से ज्यादा प्रोसेसिंग में हैं। बचे हुए उद्योग अपने व्यवसाय के विस्तार में बहुत रुचि रखते हैं। विकासशील अनाज उद्योग की बढ़ती जरूरतों के लिए व्यापार का विस्तार करने और बाजार का पता लगाने के लिए ग्रेनएक्स इंडिया एक बड़े मंच के रूप में सभी के सामने है।
हर तरह की कंपनी
गौरतलब है कि इस प्रदर्शनी में 12 दाल मिलिंग (टर्नकी प्लांट) बनाने वाली कंपनियों ने भाग लिया है। इनके अतिरिक्त 12 से अधिक कलर सोर्टर, पैकेजिंग की समस्याओं के समाधान हेतु 9 कंपनियां, क्लीनर ग्रेडर के स्टोनर व एलीवेटर बनाने वाली 15 कंपनियां, सीड्स प्रोसेसिंग की 14 कंपनियां, ग्रेन की क्वालिटी जांच हेतु चार लैब इक्विपमेंट कंपनियां, ड्रायरस कंपनियां, प्री-इजानेरिंग्स बिल्डिंगरा बनाने वाली कंपनियां, सात ग्रेविटी सेपरेटर बनाने वाली कंपनियां, भंडारण की समस्याओं के समाधान हेतु छह साइलो कंपनियां, मैग्नेटस बनाने वाली कंपनियां, 5 गियर बॉक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां, चार से अधिक इलेक्ट्रिक पैनल बनाने वाली कंपनियां, स्पाइसेस निलिंग कंपनियां आदि अपने उत्पादों का प्रदर्शन और लाइव डेमो कर रही हैं।
दर्जन भर राज्यों के व्यापारी और उद्योग संचालक हुए शामिल
इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश सहित छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों से दाल मिल व्यापारी एवं अनाज व्यापारी शामिल हो रहे हैं। दाल मिलर्स/फ्लोअर मिल एवं अन्य खाद्य प्रसंस्करणकर्ता व्यापारी सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक प्रदर्शनी में जानकारी हासिल कर सकते हैं, मशीनें खरीद सकते हैं और अपनी व्यापार, उद्योग को नई उड़ान दे सकते हैं।