उज्जैन: शनिवार की सुबह 8 बजे कलेक्टर आशीष सिंह ने चौबीसखंभा माता मंदिर में माता महामाया व महालया को मदिरा का भोग लगाकर विधि विधान से नगर पूजा की शुरुआत की। इसके बाद शासकीय अधिकारी व कोटवारों का दल 40 से अधिक देवी व भैरव मंदिरों में पूजा अर्चना करने के लिए रवाना हुआ। शहर में 27 किलोमीटर लंबे मार्ग पर सतत मदिरा की धार लगाई जाती है।
![उज्जैन: महाअष्टमी के अवसर पर की गई नगर की सुख समृद्धि के लिए पूजा 6](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2020/10/424e4f87-1b32-462d-a08f-258e37472279.jpg)
उल्लेखनीय है कि तीर्थ नगरी अवंतिका देश की सप्तपुरियों में बड़ी है। नगर में स्थित देवी व भैरव शहर की सुरक्षा व शक्ति का संतुलन करते हैं। शारदीय नवरात्र में शासन की ओर से इनके पूजन की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है। अष्टमी पर कलेक्टर देवी को मदिरा की धार लगाकर नगर पूजा की शुरुआत करते हैं।
![उज्जैन: महाअष्टमी के अवसर पर की गई नगर की सुख समृद्धि के लिए पूजा 7](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2020/10/03556383-5630-41d3-96c2-247576f41104.jpg)
![उज्जैन: महाअष्टमी के अवसर पर की गई नगर की सुख समृद्धि के लिए पूजा 8](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2020/10/8b94cfd0-92d0-4b4f-8092-a43a09f5dd6a.jpg)
इसके बाद शासकीय दल अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए रवाना होता है। ढोल ढमाकों के साथ ध्वजा लेकर दल नगर में 27 किलो मीटर लंबे मार्ग पर स्थित देवी व भैरव मंदिर में पूजा करते हैं। तांबे के पात्र में भरी मदिरा की धार नगर में प्रवाहित की जाती है। मान्यता है इससे अतृप्त तृप्त होते हैं तथा नगर को सुख समृद्धि तथा खुशहाली प्रदान करते हैं ।