शिवराज के प्रशांत नहीं बन सके तुषार बाबू…!

राजेश ज्वेल

चार लाइनों के ट्वीट की कीमत तुषार बाबू से बेहतर कौन जान सकता है. .बूमरेंग की तरह तुषार पांचाल के 6-7 साल पुराने ट्वीट उन्हीं का शिकार कर गए.. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने तुषार पांचाल को अपना ओएसडी नियुक्त किया… मुंबई में रहने वाले तुषार वॉर रूम एक्सपर्ट-पोलिटिकल कंसल्टेंट बताए जाते हैं और पर्दे के पीछे से कुछ वर्षों से शिवराज का मीडिया मैनेजमेंट देखते भी रहे और फिर उन्हें घोषित तौर पर ओएसडी बनाया , ताकि प्रशांत किशोर की तरह वे भी शिवराज के संकटमोचक साबित हो…

मगर 24 घंटे भी नहीं बीते की तुषार बाबू को ओएसडी पद से इनकार करना पड़ा… हालांकि उसके पहले अपने ट्वीटर प्रोफाइल पर मुख्यमंत्री का कम्युनिकेशन एडवाइजर वे खुद को बता चुके थे… लेकिन जब मोदी सहित अन्य दिग्गज भाजपा नेताओं और उनकी नीतियों पर किए तुषार के पुराने ट्वीट वायरल हुए तो श्यामला हिल्स में खलबली मच गई… कांग्रेस ने तुषार के मोदी के खिलाफ किए ट्वीट उजागर किए फिर उसके बाद भाजपा के ही कई दिग्गजों ने सवाल पूछना शुरू कर दिए ,असंतुष्टों के निशाने पर चल रहे शिवराज भी घेरे में आ गए…और तुषार के ट्वीट उनके गले की हड्डी बन गए..

शिवराज के प्रशांत नहीं बन सके तुषार बाबू...!

आजकल वैसे भी सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म से चंद मिनटों में ही पीएमओ तक सूचनाएं पहुंच जाती है… नतीजतन तुषार के वायरल ट्वीटों से हड़बड़ाए शिवराज को समझा-बुझाकर तुषार से कहलवाना पड़ा कि मैं मुख्यमंत्री द्वारा दी गई जिम्मेदारी स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं…इधर तुषार को भी यह उम्मीद नहीं थी कि उनके पुराने ट्वीट उनके गले पड़ जाएंगे अन्यथा ओएसडी की जिम्मेदारी मिलते ही पहली फुर्सत में इन पुराने ट्वीटों को डिलीट कर देते… मगर उसके पहले इन विवादित ट्वीट्स की चिडिय़ा उड़कर विरोधियों के मोबाइलों में सेव हो गई…वाकई कई ट्वीट बड़े मारक होते हैं, खुद मोदी सरकार भी इससे कम हैरान-परेशान नहीं है ..!