व्यंग्य : नेताओं को तानपुरा सिखाओ

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By Ayushi JainPublished On: December 19, 2021

अर्जुन राठौर

देश के जाने माने बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया ने एक अनोखा सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि राजनीति का शुद्धिकरण करना है तो नेताओं को पहले तानपुरा बजाना सिखाना चाहिए पंडित जी के सुझाव पर कई लोगों का यह कहना है कि वास्तव में संगीत की साधना से मन की शुद्धि बढ़ती है और यदि नेताओं को राजनीति करने से पहले तानपुरा बजाना सिखाया गया तो इससे न केवल उनका ह्रदय शुद्ध होगा बल्कि वे निस्वार्थ भाव से संगीत की तरह देश की जनता की सेवा भी कर पाएंगे।

पंडित जी ने तो यह भी सुझाव दे डाला देशभर में संगीत साधना के लाखों केंद्र बनाए जाने चाहिए जहां लोगों को संगीत सिखाया जाए लेकिन सवाल इस बात का है कि क्या हमारे नेता संगीत सीखना पसंद करेंगे और खासकर तानपुरा नेता तो वैसे भी भ्रष्टाचार अनैतिक और अवैधानिक कार्यों का तानपुरा बजाते रहते हैं और बेचारी जनता उनके इस बेसुरे तानपुरे को दिन-रात सुनती रहती है और उनको कोसती रहती है आजादी के बाद से यही तो होता आया है।

देश की जनता ने भ्रष्ट राजनीति का तानपुरा सुना है अब तो हालत यह है कि इनका बेसुरा तानपुरा सुन सुनकर लोगों के कान पक गए हैं लेकिन क्या करे कोई दूसरा विकल्प तो नहीं है एक तरफ नागनाथ है तो दूसरी तरफ सांपनाथ। बेचारी जनता जाए तो कहां जाए इसके बावजूद लोगों को पंडित जी के सुझाव पर बेहद खुशी हो रही है कि चलो राजनीति के शुद्धिकरण के लिए इस महान संगीत साधक ने यह अनूठा विचार दिया इस विचार को थोड़ा बहुत भी क्रियान्वित कर लिया जाए तो कुछ तो देश का भला हो सकता है।