कमलनाथ ने कही मन की बात, कहा- न मैं मामा, न महाराज, न चाय बेचने वाला

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By Ayushi JainPublished On: October 11, 2020
kamalnath

भोपाल : मैं आज अशोकनगर की धरती पर यहां की जनता को बधाई देता हूं कि आपने लोकसभा चुनाव में ही सही पहचान कर ली थी और पूरे मध्यप्रदेश को संदेश दे दिया था।आपने बता दिया था अब हम आजाद हो गए हैं।आपने यह संदेश भी दे दिया था कि कांग्रेस महल में नहीं जाती है , महल कांग्रेस में आते हैं। मैं कोई महाराजा नहीं ,मेरा कोई गुलाम नहीं ,मैं मामा भी नहीं ,मैं अपनी जेब में नारियल लेकर भी नहीं चलता ,मैं घोषणा भी नहीं करता ,मैं झूठ भी नहीं बोलता ,मैंने कभी चाय भी नहीं बेची ,मैं तो सिर्फ कमलनाथ हूं।

मैंने कुत्ते की समाधि भी नहीं बनाई , मैंने तो मध्यप्रदेश की धर्म प्रेमी जनता के लिए छिंदवाड़ा में विशाल हनुमान मंदिर बनवाया है“ उक्त संबोधन आज अशोक नगर विधानसभा के राजपुर में देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह साधारण उपचुनाव नहीं है।जनता को सोचना होगा कि आज उपचुनावो की आवश्यकता क्यों पड़ी ? भाजपा ने किस प्रकार से हमारे प्रजातंत्र और संविधान के साथ खिलवाड़ किया।किस प्रकार से एक सौदेबाजी और बोली की सरकार बनाई , भाजपा ने इस प्रजातंत्र को धन तंत्र बना दिया।भाजपा का बस चलेगा तो सरपंच का चुनाव भी नहीं होगा ,बोली लगाओ और सरपंच बनाओ ,आज यह तस्वीर हमारे सामने हैं।

प्रदेश की जनता ने तय किया था कि 15 वर्ष शिवराज जी आपकी सरकार देख ली ,बहुत हो गया ,अब हम कांग्रेस की सरकार चाहते हैं।उन्होंने वोटों से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाई थी लेकिन इन्होंने बीच में ही नोटों से अपनी सरकार बना ली।कैसा प्रदेश इन्होंने हमें सौंपा था ,किसानों की आत्महत्या ,महिलाओं पर अत्याचार ,भ्रष्टाचार ,बेरोजगारी में नंबर वन।कितनी चुनौती थी हमारे सामने।आज जब मैं प्रदेश भर में किसानों से मिल रहा हूं तो ना किसानों को बीमा की राशि मिली ,ना किसानों को मुआवजा मिला और यह खुद को किसान का बेटा कहलाते हैं , मै उनसे पूछना चाहता हूं आप कैसे किसान पुत्र हो ?
हमने 27 लाख किसानों की कर्ज माफी की , हम बाकी किसानों की कर्ज माफी की शुरुआत 1 जून से करने जा रहे थे।देश के इतिहास में पहली बार हमने चालू खाते का भी कर्ज माफ किया ,हमने अपना वचन पूरा कर एक उदाहरण देकर अपनी नीति व नीयत का परिचय दिया।

हमने देखा मध्य प्रदेश में निवेश नहीं आता था ,जिसने उद्योग लगते नहीं थे , उतने बंद हो जाते थे क्योंकि किसी को मध्य प्रदेश पर विश्वास नहीं था। हमने विश्वास के माहौल को बनाने की शुरुआत की, प्रदेश की जो पहचान माफिया और मिलावटखोरों से थी ,उस पहचान को हमने बदलने का काम किया। इस अवसर पर नाथ ने कहा कि हमने शिवराज सरकार में देखा था कि “ प्रदेश में स्कूल बिना शिक्षक के , अस्पताल बिना डॉक्टर के ,डॉक्टर बिना दवाई के ,खंभा बिना तार का ,तार बिना बिजली के ,किसान बिना दाम के , नौजवान बिना काम के ,इसीलिए तो जनता ने फैसला लिया था कि फिर शिवराज जी आप किस काम के और इनको घर बैठा दिया था “

ये लोग कितने बड़े बड़े और झूठे दावे करते हैं। ना यहां कन्या महाविद्यालय , ना कृषि कालेज ना यूनिवर्सिटी , ना तहसील बनवा पाये , कितना यह क्षेत्र उपेक्षित रहा।मैं शिवराज जी को कई बार चुनौती दे चुका हूँ कि अपने 15 वर्ष का हिसाब लेकर जनता के सामने आ जाए , मैं अपने 15 माह का हिसाब देने को तैयार हूं। मैं तो जनता से पूछना चाहता हूँ , क्या मैंने किसानों का कर्ज माफ कर पाप किया ? गौशाला बनाकर गुनाह किया ? मिलावटखोरों-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर गलती की ? 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली देकर कोई धोखा किया ?

आज जब मैं कहता हूं कि शिवराज नारियल जेब में लेकर चलते हैं और कहीं भी फोड़ देते हैं तो इनके पेट में दर्द शुरू हो जाता है। सुन लो शिवराज जी ,घोषणाओं से विकास नहीं होगा , घोषणा कर दो और जनता को गुमराह कर दो ,यह राजनीति अब नहीं चलेगी। आज मैं आपके बीच वोट मांगने नहीं एक रिश्ता जोड़ने आया हूँ , यह रिश्ता जिंदगी भर बना रहेगा।आप भले कमलनाथ ,कांग्रेस का साथ मत देना लेकिन किसानों के ,नौजवानों के और जनता के भविष्य के लिए सच्चाई का साथ ज़रूर देना। इस अवसर पर भाजपा और बसपा छोड़कर करीब 1000 लोगों ने कांग्रेस में प्रवेश लिया , जिनका मंच पर कमलनाथ जी ने कांग्रेस का दुपट्टा पहना कर स्वागत किया।

इस अवसर पर सभा को अशोकनगर की कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती आशा दोहरे , पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ,पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ,विधायक गोपाल सिंह चौहान ,विधायक बैजनाथ कुशवाहा ने भी संबोधित किया। मंच पर मुंगावली के कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया राम लोधी,के.के.मिश्रा ,प्रद्युमन सिंह दांगी ,विधायक सुजीत चौधरी ,हरी बाबू राय ,निशंक जैन सहित कई प्रमुख नेता गण उपस्थित थे। सभा का संचालन विधायक संजय यादव ने किया और स्वागत भाषण जिला कांग्रेस अध्यक्ष हरि सिंह रघुवंशी ने दिया।