विषय को खोजने की जरूरत नहीं दृष्टि होनी चाहिए- प्रसिद्ध लेखिका समीक्षा तैलंग

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By Diksha BhanupriyPublished On: May 14, 2022

Indore: अबू धाबी के कबूतर और भारत के कबूतर में क्या अंतर है इस पर भी मैंने अपने अनुभव लिखे हैं इसलिए मैं कह सकती हूं कि किसी भी विषय को देखने के लिए दृष्टि चाहिए इसके बाद तो लेखन बहुत आसान हो जाता है।

विषय कोई भी हो सकता है सबसे बड़ी बात यह है की आपकी दृष्टि क्या है ?

एक बार जब मैं इंदौर में थी तब मेरे घर में जैन मुनि आए थे उनके आगमन को लेकर भी मैंने एक संस्मरण लिखा है जो काफी पढ़ा गया हमारे आस पास बहुत सारी विसंगतियां हैं जो लेखन का विषय होती है।

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महिला व्यंगकार के पास सबसे बड़ा काम बाहर की गंदगी का सफाया करना है और उसे एक्सपोज करना है । इसलिए आज महिला लेखन का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है ।