अल्बर्ट आइंस्टीन की अद्भुत कहानी जिसे सुनकर हो जाएंगे आप हैरान!

Author Picture
By Rishabh NamdevPublished On: September 22, 2023

अल्बर्ट आइंस्टीन, एक महान भौतिकज्ञ और वैज्ञानिक, जिनका जीवन और काम दुनिया भर में प्रसिद्ध है। उनकी अद्भुत कहानी है, जो हमें हैरानी में डाल देती है।

बचपन से ही अत्याधुनिक सोच: आइंस्टीन का जन्म 1879 में जर्मनी के उल्म नामक स्थान पर हुआ था। उनका बचपन और युवावस्था काफी आम था, लेकिन उनकी सोच अत्याधुनिक थी। वे बचपन से ही साधारण सवालों का अद्भुत रूप से विचार करते थे और विज्ञान में रुचि रखते थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की अद्भुत कहानी जिसे सुनकर हो जाएंगे आप हैरान!

साधारण शैक्षिक प्राधिकरण: आइंस्टीन के शैक्षिक प्राधिकरण उनकी अद्वितीय सोच को समझने में असमर्थ थे। उन्होंने अपने विचारों को बयान करने के लिए एक नौकरी नहीं प्राप्त की थी, और वे एक पठन पुस्तकालय में काम करते थे। आइंस्टीन की प्रारंभिक शिक्षा वोर्म्स और म्यूनिच में हुई, लेकिन उनका अध्ययन कठिन था क्योंकि उन्हें शिक्षा देने वाले अध्यापकों की सोच के साथ खराब संबंध थे।

सापेक्ष तरंगों का सिद्धांत: 1905 में, आइंस्टीन ने विशेष आयामवाद के सापेक्षता सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जिसमें वे तरंगों के द्वारा प्रकृति के रहस्यों को समझने का तरीका बताते हैं। यह सिद्धांत बाद में आइंस्टीन के विशेष तरंग सिद्धांत के रूप में प्रसिद्ध हुआ और उन्होंने नोबेल पुरस्कार भी जीता।

सापेक्षता सिद्धांत: 1915 में, आइंस्टीन ने सापेक्षता सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जिसमें वे दिखाते हैं कि समय और दूरी का एक सापेक्षता होती है और ग्रैविटेशन का कारण नहीं होती। यह सिद्धांत उनके भौतिक ज्ञान के विभागक बदल दिया और उन्होंने फिर से नोबेल पुरस्कार जीता।

जीवन का आखिरी संवाद: आइंस्टीन का आखिरी संवाद 1955 में हुआ, जब उन्होंने यूएस नागरिकता प्राप्त की थी। उन्होंने एक उद्घाटन समारोह में एक छात्र के साथ बोलते हुए कहा, “ध्यान रखें, विज्ञान का संदेश हमारे दिलों में है, न ही कहीं और।”

अल्बर्ट आइंस्टीन की अद्भुत कहानी हमें यह सिखाती है कि सामान्य परिस्थितियों में भी आदर्श और अद्वितीय सोच से महान चीजें हो सकती हैं। उन्होंने हमें यह दिखाया कि अद्वितीय विचार और संवाद से जीवन को एक नया माध्यम प्राप्त हो सकता है, और हमें आदर्श और सफलता की ओर अग्रसर कर सकते हैं।