बिजली मंत्रालय Discoms के पिछले बकाए को खत्म करने की बड़ी योजना पर काम कर रहा है. डिस्कॉम (Distribution Companies) पर 18 मई 2022 तक उत्पादन कंपनियों का 1,00,018 करोड़ रुपए बकाया है. बता दें कि इसे 48 मासिक किस्तों में बकाया भुगतान की अनुमति दी जा सकती हैं. देर से पेमेंट करने पर 19,833 करोड़ रुपये सरचार्ज (Surcharge) की भी बचत होगी. बिजली कंज्यूमर (Electricity Consumers) को इस राशि की राहत मिलेगी, क्योंकि यह रिटेल, टैरिफ पर ट्रांसफर नहीं होगी. वहीं महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में प्रत्येक को करीब 4,500 करोड़ की बचत होगी. एश्योर्ड मंथली पेमेंट से पावर जेनरेटिंग कंपनियों को फायदा होगा.
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मंत्रालय कर रहा है योजना लाने पर काम
दरअसल डिस्कॉम (Discom) की बकाया राशि का भुगतान करने में असमर्थता से बिजली की पूरी कीमत निर्धारण प्रक्रिया प्रभावित होती है. इस स्थिति पर विचार करते हुए बिजली मंत्रालय, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों (DISCOMS) के वित्तीय संकट को कम करने के लिए एक योजना पर काम कर रहा है. जो अपने बकाए का भुगतान नहीं कर सकतीं. डिस्कॉम द्वारा जेनरेटिंग कंपनी को पेमेंट में देरी से इन कंपनियों के कैश फ्लो पर असर पड़ता है. जिसे कोयले के रूप में इनपुट सप्लाई के लिए प्रावधान करने की जरूरत होती है. बिजली प्लांट के रोजाना ऑपरेशन के लिए पर्याप्त कार्यशील पूंजी की जरूरत होती है.
DISCOM पर 1,00,018 करोड़ हैं बकाया
प्राप्ति (PRAAPTI) पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के बताते हैं, 18 मई 2022 तक, डिस्कॉम की बकाया राशि (विवादित राशि और विलंबित भुगतान अधिभार (एलपीएससी) को छोड़कर) 1,00,018 करोड़ रुपए और एलपीएससी बकाया 6,839 करोड़ रुपए थे. प्रस्तावित योजना डिस्कॉम द्वारा वित्तीय बकाया का आसान किश्तों में भुगतान को आसान बनाती है. सभी डिस्कॉम को एकमुश्त छूट देने पर विचार किया जा रहा है. जिसमें योजना के नोटिफिकेशन की तारीख को बकाया राशि (मूलधन और एलपीएससी शामिल है).
तमिलनाडु, महाराष्ट्र को ज्यादा बचत
तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों जिन पर बड़ी बकाया राशि है, को इस उपाय से 4,500 करोड़ रुपए से ज्यादा की फायदा होगा| उत्तर प्रदेश को लगभग 2,500 करोड़ रुपएजबकि आंध्र प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान तथा तेलंगाना जैसे राज्यों को 1,100 करोड़ से 1,700 करोड़ की बचत होगी. DISCOM द्वारा की जाने वाली बचत से आखिरकार खुदरा शुल्क में एलपीएससी के बोझ को कम करके बिजली उपभोक्ता को फायदा होगा.
इस उपाय से बकाया का समय पर भुगतान होने की उम्मीद है जो एलपीएससी पर छोड़ी गई राशि की तुलना में उत्पादन कंपनियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. साथ ही यह एनश्योर करने के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं कि डिस्कॉम नियमित आधार पर जेनकोस यानी उत्पादन कंपनियों को अपने बकाया का भुगतान करें, अन्यथा जेनकोस द्वारा आपूर्ति कम हो जाएगी.