Mahakal : उज्जैन का विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से 29 नवंबर के दिन कार्तिक अगहन मास की शाही सवारी निकाली जाएगी। कोरोना में भक्तों को सवारी देखने का मजा नहीं मिल पाया था। लेकिन अब प्रतिबंध हटने के बाद भक्तों में शाही सवारी को लेकर काफी ज्यादा उत्साह है। इसको लेकर शाही सवारी मार्ग पर रहने वाले श्रद्धालु तथा नगर की सामाजिक, धार्मिक व खेल संस्थाएं श्रावण-भादौ मास की शाही सवारी जैसा स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं।
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बताया जा रहा है कि कार्तिक-अगहन मास की शाही सवारी को परंपरागत शाही सवारी मार्ग से निकाली जाएगी। ऐसे में मंदिर से शाम 4 बजे शाही ठाठ बाट के साथ भगवान महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान करेंगे। ये सवारी मंदिर से शुरू होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी, रामानुजकोट होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट जाएगी।
उसके बाद यहां पुजारी भगवान की पूजा करेंगे। फिर सवारी राणोजी की छत्री घाट के रास्ते शिप्रा नदी पर बने छोटे पुल के पास से गणगौर द्वारवाजा जाएगी और नगर प्रवेश करेगी। बताया जा रहा है कि शाही कारवां सत्यनारायण मंदिर, ढाबारोड, टंकी चौराहा, मिर्जा नईम बेग मार्ग, तेली वाड़ा चौराहा, कंठाल, सतीगेट, छत्रीचौक गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी होते हुए शाम करीब 7 बजे पुनः महाकाल मंदिर पहुंचेगा।