प्रवासी भारतीयों के सुझाव पर निवेश नीति (investment policy) का निर्माण करेगी मध्यप्रदेश सरकार – राज्य मंत्री भारत कुशवाह

mukti_gupta
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इंदौर। प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आज दोपहर बाद आयोजित समानांतर सत्र में मध्यप्रदेश के फूड बॉस्केट के बारे में चर्चा हुई। इस सत्र में खाद्य प्रसंस्करण के लिए उपलब्ध उपयुक्त वातावरण एवं संसाधनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने सत्र में मौजूद प्रवासी भारतीयों से आह्वान किया कि वे आगे आकर प्रदेश में उपलब्ध सरप्लस उद्यानिकी फसलों के प्रोसेसिंग प्लांट लगाकर प्रदेश को समृद्ध करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार प्रवासी भारतीयों के सुझाव पर निवेश नीति का निर्माण करेगी और निवेश में हरप्रकार सहायता करेगी। कुशवाह ने कहा कि प्रदेश के उद्यानिकी संसाधनों का उपयोग कर प्रवासी भारतीय न केवल प्रदेश की समृद्धि में सहयोगी बनेंगे बल्कि अपने लिए भी अच्छे अवसर की तलाश कर सकते हैं।

समानांतर सत्र में प्रदेश के उन्नत उद्यानिकी कृषक व व्यवसायियों द्वारा स्वयं की सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से प्रवासी भारतीयों को जानकारी दी गई। इनमें एम्बि वाइन रतलाम के जितेंद्र पाटीदार, श्रीधि मिल्क कंपनी के देवेंद्र खंडेलवाल, संतरे निर्यात करने वाले साजिद मंसूर अंसारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट पी.के. जैन व फ्रोजन फूड्स के श्री सुभाष काबरा शामिल है।

सत्र के आरंभ में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जे. एन. कंसोटिया ने प्रदेश की उद्यानिकी फसलों के बारे में एवं प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश देश में गेहूँ उत्पादन में तीसरे नंबर पर, चावल में दूसरे नंबर पर एवं दुग्ध उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में देश का सर्वाधिक लहसुन और प्याज उत्पादित होता है। यही नहीं ऑयल सीड उत्पादित करने के मामले में प्रदेश तीसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में 8 फ़ूड पार्क में है।

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प्रदेश में 2. 88 लाख किलोमीटर सड़कों का नेटवर्क है। प्रदेश में 1.34 लाख हेक्टेयर में संतरे की खेती होती है। प्रतिवर्ष यहाँ 23.52 लाख मेट्रिक टन संतरा उत्पादित होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है जिसको बढ़ा कर 65 लाख हेक्टेयर किया जा रहा है। प्रदेश में आईटीसी, पारले, डाबर, बालाजी, टॉप एंड टाउन, एलटी फूड्स, पेप्सी को आदि कंपनियों के प्लांट्स कार्य कर रहे हैं। सत्र के अंत में आयोजित प्रश्न उत्तर में जापान, मारीशस, ऑस्ट्रेलिया से आए प्रवासी भारतीयों ने ग्रेप वाइन, गार्लिक व ओनियन की प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने में रूचि दिखाई। सत्र का संचालन कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एके वर्णवाल ने किया। कार्यक्रम में पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा मौजूद थे।