इंदौर। पीएम विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ अवसर पर आज इंदौर के रेसकोर्स रोड़ स्थित लाभ मंडपम में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार थे। कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव विशेष रूप से मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना परंपरागत व्यवसायी, शिल्पी और कारीगरों के सम्मान की योजना है। इस योजना के माध्यम से उनके हुनर को कौशल के साथ जोड़ा जाएगा। परंपरागत व्यवसायी, शिल्पी और कारीगरों का भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है। आम आदमी की दिनचर्या भी इनसे जुड़ी हुई है। समाज की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति भी यही लोग करते हैं। उनके कौशल उन्नयन से यह लोग अब अपने कार्यों को और कुशल तरीके से कर सकेंगे, उनकी आय में वृद्धि होगी तथा वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में कारीगरों एवं शिल्पकारों का विशेष स्थान है। डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि अगर परंपरागत व्यवसायी, शिल्पी और कारीगर सशक्त होंगे तो उनका परिवार भी मजबूत बनेगा। समाज, प्रदेश तथा देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने में सभी से सहयोग का आह्वान किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा निर्माण और सृजन के देवता हैं। ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना के बाद उसके निर्माण और सृजन की जिम्मेदारी भगवान विश्वकर्मा को ही सौंपी थी। विश्वकर्मा का अर्थ होता है विश्व का निर्माता। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा ही इस सृष्टि के वास्तुकार हैं, उन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर भी माना जाता है। सिलावट ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा संपूर्ण मानव जाति के लिए पूजनीय है। आज उनकी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ किया है, यह हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने पीएम विश्वकर्मा योजना की जानकारी देते हुए कहा कि अधिक से अधिक शिल्पकार और कारीगर इस योजना का लाभ उठाएं।
सांसद शंकर लालवानी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान विश्वकर्मा की जयंती तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना प्रारंभ हुई है, यह शिल्पकारों और कारीगरों के लिए अद्भुत योजना है। इस तरह की योजना पहली बार लागू हुई है। इससे कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में बेहद मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के प्रारंभ में राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीक्षण यंत्री सोमेश बांझल ने स्वागत भाषण दिया और योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी वंदना शर्मा और अपर कलेक्टर रोशन राय भी मौजूद थे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीएम विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के लगभग एक हजार हितग्राहियों ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत परम्परागत व्यवसाय तथा सेवा में लगे 18 प्रकार के कारीगर और शिल्पकारों को शामिल किया गया है। इन्हें कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण के पश्चात 15 हजार रूपये के टूल किट्स दिये जायेंगे। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें 500 रूपये प्रतिदिन का स्टायफंड मिलेगा। 18 महीने के प्रशिक्षण के बाद हितग्राही एक लाख रूपये तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। यह ऋण चुकता करने के बाद उन्हें दो लाख रूपये का ऋण दिया जायेगा। उन्हें मार्केटिंग में भी मदद दी जायेगी। इस योजना के अंतर्गत बढ़ई (सुतार), नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार/पत्थर तराशने वाले/पत्थर तोड़ने वाले, मोची/जूता बनाने वाले/फुटवियर कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाडू बनाने वाले/कॅयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई, मालाकार, वाशरमैन (धोबी), टेलर तथा फिशिंग नेट निर्माता को शामिल किया गया है।