Lohri 2025 : 12 या 13 जनवरी… कब है लोहड़ी? एक क्लिक में दूर करें कंफ्यूजन

Meghraj
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Lohri 2025 : लोहड़ी भारत के सबसे प्रमुख और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सर्दियों के मौसम की समाप्ति और नई फसल के आगमन का प्रतीक है। लोहड़ी के दिन, लोग अग्नि देवता की पूजा करते हैं, ताकि उनकी फसल का उत्पादन बेहतर हो और परिवार में सुख, समृद्धि और समृद्धि का वास हो।

कब है लोहड़ी ?

वैदिक पंचांग के अनुसार, लोहड़ी का त्योहार मकर संक्रांति से पहले मनाया जाता है। 2025 में, मकर संक्रांति 14 जनवरी को सुबह 9:03 बजे सूर्य देव के मकर राशि में गोचर करने के बाद मनाई जाएगी। वहीं लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा, क्योंकि यह मकर संक्रांति से एक दिन पहले आता है। इस दिन लोग आग के चारों ओर इकट्ठा होकर धूमधाम से लोहड़ी मनाते हैं और अग्नि में तिल, गुड़, मूंगफली आदि डालकर उसकी पूजा करते हैं।

लोहड़ी का पर्व और पूजा विधि

लोहड़ी का पर्व कृषि संस्कृति से जुड़ा हुआ है और इसके आयोजन के पीछे एक लंबी परंपरा है। इस दिन विशेष रूप से अग्नि के माध्यम से अपनी खुशहाली और समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है। लोहड़ी की पूजा विधि में कुछ खास उपाय किए जाते हैं:

  • नहाने के बाद पूजा की शुरुआत: सबसे पहले स्नान आदि करके घर के मंदिर में या किसी भी साफ जगह पर मां आदिशक्ति की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • देवी और देवता की पूजा: मां आदिशक्ति के साथ भगवान कृष्ण और अग्नि देव की पूजा करें। इस दौरान, देवी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना महत्वपूर्ण होता है।
  • अर्पित करें प्रसाद: पूजा के समय देवी को सिंदूर, तिल के लड्डू और रेवड़ी अर्पित करें।
  • अग्नि की पूजा: अब एक सूखा नारियल लें और उसमें कपूर डालकर अग्नि प्रज्वलित करें। फिर इस अग्नि में मक्का, मूंगफली, तिल के लड्डू और पॉपकॉर्न आदि अर्पित करें।
  • परिक्रमा का महत्व: लोहड़ी के दिन शाम के समय 7 या 11 बार अग्नि की परिक्रमा करें। इस दौरान तिल, रेवड़ी, मूंगफली और मक्का आदि अर्पित करें।

लोहड़ी के त्योहार का महत्व

लोहड़ी सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह फसल की खुशहाली, कृषि संस्कृति और पारंपरिक मान्यताओं का प्रतीक है। यह दिन विशेष रूप से उन किसानों के लिए महत्वपूर्ण है जो इस दिन को अपनी मेहनत और कड़ी मेहनत के बाद अच्छे उत्पादन की कामना करने के रूप में मनाते हैं। लोहड़ी के इस पर्व का आयोजन परिवार और दोस्तों के साथ किया जाता है, जहां लोग एक साथ मिलकर इस दिन का जश्न मनाते हैं, गाते हैं और नाचते हैं।

Disclaimer : यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है।  Ghamasan.com इनके सत्य और सटीक होने का दावा नहीं करता।