MP News: पूर्व कांस्टेबल सौरभ, चेतन और शरद को 17 तक भेजा गया जेल, ईडी जेल में ही करेगी पूछताछ

परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को मंगलवार दोपहर लगभग 12 बजे लोकायुक्त अदालत में पेश किया गया। सुनवाई करीब एक घंटे तक चली, जिसके बाद जज आरपी मिश्रा ने तीनों आरोपियों को 17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सौरभ शर्मा की रिमांड नहीं मांगी, बल्कि जेल में ही सौरभ से पूछताछ करने की अनुमति प्राप्त की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद लोकायुक्त पुलिस सौरभ शर्मा, चेतन गौर और शरद जायसवाल को मेडिकल चेकअप के लिए हमीदिया अस्पताल लेकर पहुंची। मेडिकल परीक्षण के बाद, उन्हें पीछे के रास्ते से अदालत में पेश किया गया। लगभग 11:45 बजे तीनों आरोपियों को कोर्ट रूम में लाया गया, जहां वे एक साथ कठघरे में बैठे। लोकायुक्त ने आरोपियों की रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग नहीं की, बल्कि तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने की अपील की। तीनों के वकीलों ने जमानत के लिए कोई आवेदन नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त पुलिस ने 29 जनवरी को सौरभ शर्मा को कोर्ट के बाहर गिरफ्तार किया था, जबकि उसी दिन चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल की गिरफ्तारी भी हुई थी।

मीडिया ट्रायल पर सवाल उठाए गए

चेतन सिंह के अधिवक्ता हरीष मेहता ने लोकायुक्त की कार्यशैली पर प्रश्न उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल का लगातार मीडिया ट्रायल किया जा रहा है और लोकायुक्त की पूछताछ से जुड़ी जानकारी बाहर आ रही है। मेहता ने कहा कि लोकायुक्त पहले ही चेतन को दो बार कार्यालय बुलाकर घंटों पूछताछ कर चुकी है, और अब रिमांड पर छह और दिन की पूछताछ की जा रही है, जिससे उनके मुवक्किल को मानसिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकायुक्त पुलिस अब तक सौरभ शर्मा और उसके करीबी सहयोगियों से कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं प्राप्त कर पाई है।