Kanpur Fire। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात (Kanpur Dehat) में एक बड़ा हादसा हो गया है। दरअसल, कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने ही झोपड़ी के भीतर मां-बेटी जिंदा जल गए। विपक्ष का आरोप है कि ध्वस्तीकरण से आहत होकर मां-बेटी ने जान दे दी है। कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने एक झोपडी में मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में पीड़ित परिवार धरने पर बैठ गया है। परिजनों ने मौके से शवों को उठाने से मना कर दिया है। परिवार की मांग है कि जब तक मुख्यमंत्री या डिप्टी सीएम नही आएंगे, तक हम शव नहीं उठाएंगे। बता दे कि, दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी व रुरा इंस्पेक्टर भी झुलस गए। आक्रोशित लोगों ने आग लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
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तनाव के कारण गांव में फोर्स तैनात की गई है। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक अधेड़ उम्र की महिला और उसकी बेटी ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गयी। लोग भी कह रहे हैं कि यह खुदकुशी है। इसके साथ ही बुलडोजर चलाने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
सपा ने प्रशासन को जल्लाद और अमानवीय बताकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी इस हादसे को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कृष्ण गोपाल दीक्षित का कहना है कि टीम के कब्जा हटाने के दौरान गांव के कुछ लोगों ने झोपड़ी में आग लगा दी। मड़ौली गांव में रहने वाले कृष्ण गोपाल दीक्षित पर ग्राम समाज की जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप है। इसी सिलसिले में पुलिस और प्रशासन की टीम वहां अतिक्रमण हटाने पहुंची थी।
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमे एक आवाज सुनाई दे रही है कि देखो भैया देखो, मेरी मम्मी जल रही हैं। ये सब गाड़ी छोड़कर भी चले गए हैं। पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने कहा, हम मौके पर पहुंच गए हैं और मामले की जांच की जा रही है।