हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने हाल ही में कृषि कानूनों के संदर्भ में अपनी राय साझा की, जो कि विवाद का कारण बन गई है। कंगना ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए।
किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि
कंगना ने गोहर के पास खोड़े नलवार मेले के समापन समारोह में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन केवल कुछ राज्यों में ही हुआ था, और उनमें शामिल किसान ज्यादातर संपन्न थे। उनके इस बयान ने फिर से कृषि कानूनों के मुद्दे को गरमा दिया है।
किसानों के दर्द को समझने का दावा
कंगना ने दावा किया कि वह एक किसान परिवार से हैं, और इसलिए किसानों के दर्द को समझती हैं। उन्होंने अपने पिछले बयानों को संदर्भित करते हुए कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था।
कृषि कानूनों की वापसी की दिशा में आगे बढ़ने की अपील
उन्होंने कहा, “अब हमें तीनों कृषि कानूनों को वापस कराने की दिशा में आगे बढ़ना होगा।” कंगना का यह बयान उनके राजनीतिक विचारधारा और किसानों के मुद्दों पर उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।
कंगना रनौत के बयानों को लेकर समाज में मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं, और यह देखा जाएगा कि उनका यह नया बयान राजनीतिक वातावरण पर क्या प्रभाव डालता है।