कमलनाथ का बीजेपी पर तंज, कहा- पचमढ़ी की चिंतन कैबिनेट बैठक सिर्फ इवेंट बनकर रह गई

Share on:

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार की पर्यटन स्थल पचमढ़ी में आयोजित दो दिवसीय चिंतन कैबिनेट बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से सभी को उम्मीद थी कि पचमढ़ी की यह चिंतन बैठक सिर्फ एक इवेंट है ,सिर्फ़ पर्यटन है ,वैसा ही हुआ। प्रदेश की भलाई के लिये कोई ठोस निर्णय , कोई ठोस कार्ययोजना , जनहितैषी निर्णय , ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा , कुछ सामने नही आया।

नाथ ने कहा कि शिवराज सरकार अपनी कैबिनेट बैठक पचमढ़ी में करें या किसी भी पर्यटन स्थल पर करें ,प्रदेश में करें ,प्रदेश के बाहर करें ,हमें इससे कोई फर्क नहीं और ना ही हमारा इसको लेकर कभी कोई विरोध है। हमारा तो बस इतना कहना है कि अभी तक कि इस तरह की बैठकों से प्रदेश व प्रदेश वासियों को क्या लाभ हुआ और वर्तमान की इस बैठक से प्रदेश और प्रदेशवासियों को क्या फायदा हुआ ,यह शिवराज सरकार को बताना चाहिए। उन्हें यह भी बताना चाहिये ऐसे कौन से निर्णय पचमढ़ी में लिये गये कि जो भोपाल में नही लिये जा सकते थे।

इस बैठक के पूर्व दावे तो बड़े-बड़े किए गये लेकिन इस बैठक में सिर्फ आगामी चुनाव को देखते हुए , झूठी घोषणाओं के दम पर जनता को कैसे गुमराह किया जा सके ,उस पर जरूर चिंतन-मंथन हुआ। 15 वर्ष के मुख्यमंत्री ,जिनकी प्रदेश में 17 वर्षों से सरकार है ,इस बैठक के बाद भी कह रहे हैं कि हमने इस बैठक में कई बातों पर विचार किया है , उसे हम बाद में अंतिम रूप देंगे ,उसके लिए आर्थिक व्यवस्था करेंगे ,उसमें अभी समय लगेगा ,उसके लिए चिंतन मंथन करेंगे ,विचार करेंगे।

must read: सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय Flights से हटा कोरोना का ग्रहण, Scindia ने दिखाई हरी झंडी

बड़े आश्चर्य की बात है कि इस चिंतन-मंथन बैठक में ,जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह सब से ज्यादा समय चलने तक वाली बैठक रही ,इसमें जो बातें निकल कर सामने आई ,वह उन योजनाओं की आयी ,जो पहले से चालू है ,जो कोरोना काल में बंद पड़ी है ,उनको वापस से चालू करने का निर्णय इस बैठक में लिया गया।
हमारी सरकार ने कन्या विवाह की राशि को 28 हज़ार से बढ़ाकर 51 हज़ार किया था ,जिस योजना में शिवराज सरकार में नित नए घोटाले सामने आ रहे हैं , उसमें 4 हज़ार की राशि बढ़ाई गई है और उसका निर्णय भी पचमढ़ी जाकर लिया गया है।

जैसा कि प्रदेश की जनता को यह भली-भाँति पता है कि शिवराज सरकार इवेंट ,आयोजन ,उत्सव प्रेमी हैं , प्रदेश के सरकारी खजाने को उत्सव ,आयोजन ,इवेंट के नाम पर कैसे लूटाया जावे ,इसकी योजनाओं को वो समय-समय पर बनाते रहते हैं। इस चिंतन-मंथन बैठक के बाद भी प्रदेश में आगामी समय में होने वाले कई आयोजन और उत्सवों की घोषणा की गई ,जिनके नाम पर सरकारी खजाने को जमकर लूटाया जाएगा और प्रदेश जो पहले से ही तीन लाख करोड़ के कर्ज के दलदल में जा चुका है , उसे और कर्ज के दलदल में धकेला जाएगा।

नाथ ने कहा कि बड़े ही शर्म की बात है कि आज जिन मुद्दों पर चर्चा होना चाहिए उस पर इस बैठक में ना कोई चर्चा हुई और ना ही उसके बारे में कोई निर्णय लिये गये।

आज प्रदेश का किसान खाद,बीज ,बिजली-पानी को लेकर परेशान हैं ,उसे उसकी उपज का सही मूल्य मिले ,उसको लेकर वो परेशान है ,गेहूं को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन से लेकर तमाम पेचीदगियाँ व शर्तें थोपने से वो परेशान हैं ,उसे उसकी खराब फसलों का मुआवजा नही मिल पा रहा है और ना ही उसे घोषित फसल बीमा की दावा राशि अभी डेढ़ माह बाद भी मिली है लेकिन उस पर कोई बात नहीं ,कोई निर्णय नहीं…?

आज प्रदेश का युवा रोजगार को लेकर भटक रहा है ,प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारी का आंकड़ा 30 लाख को पार कर चुका है , एक लाख रोजगार प्रतिमाह देने का दावा किया गया था ,उस पर कोई बात नहीं , कोई निर्णय नही…?
प्रदेश में बहन-बेटियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है ,अपराध बढ़ रहे हैं ,महिलाओं को सम्मान व सुरक्षा देने पर कोई बात नहीं , कोई निर्णय नही…?

प्रदेश में हर योजना में भ्रष्टाचार सामने आ रहा है ,चाहे कन्या विवाह योजना हो ,मनरेगा हो ,राशन की योजना हो ,पीएम आवास योजना ,गौशालाओं को अनुदान देने का मामला हो ,उस भ्रष्टाचार को रोकने पर कोई बात नहीं…?
प्रदेश में गौ माताओं की भूख-प्यास से तड़प-तड़प कर मौत हो रही है ,गौ माताओं के संरक्षण ,संवर्धन पर इस बैठक में कोई चर्चा नहीं।

पूर्व के लिये गये कई निर्णयो को इस बैठक के नाम पर दौहराया गया है। जनता महंगाई से परेशान है ,पेट्रोल- डीजल -रसोई गैस की कीमत आसमान छू रही है ,खाने की चीजें महंगी हो चली है ,महंगाई से राहत को लेकर ,पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करों में कमी को लेकर इस बैठक में ना कोई चर्चा और ना कोई निर्णय लिया गया ,जिसका प्रदेशवासियों को इंतजार था…?

आदिवासी वर्ग ,ओबीसी वर्ग के साथ प्रदेश में दमन व उत्पीड़न की घटनाएं बड़ी संख्या में घट रही है , उसकी रोकथाम , इन वर्गों के उत्थान व कल्याण को लेकर इस बैठक में ना कोई चर्चा और ना ही लिया गया कोई निर्णय सामने आया है…?

प्रदेश के कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की ,पेंशनर्स अपने डीए की ,कर्मचारी एरियर की ,चयनित शिक्षक अपनी नियुक्ति की ,ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षक अपने हक को लेकर मांग कर रहे हैं ,प्रदर्शन कर रहे है ,धरना दे रहे हैं ,उस पर इस बैठक में कोई चर्चा नही , कोई निर्णय नहीं…?

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वर्षों से शिक्षक नहीं ,बिजली नहीं ,पीने का पानी नहीं ,खेल मैदान नहीं ,भवन नहीं ,शौचालय नहीं और दूसरी तरफ सीएम राइज स्कूल के नाम पर प्रेजेंटेशन दिखाकर ,जनता को गुमराह करने के लिये झूठे सपने दिखाने का काम इस बैठक में हुआ…

बेहतर हो कि सरकार पहले प्रदेश के शासकीय स्कूलों की दशा-दिशा सुधारें फिर सीएम राइज़ स्कूल के नाम पर प्रदेश की जनता को नए सपने दिखाये। उम्मीद के मुताबिक़ यह बैठक सिर्फ़ एक इवेंट बनकर ही रह गयी…