भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मध्य प्रदेश में भयावह हो रही कोरोना स्थिति के नियंत्रण के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखकर 12 बिंदुओं के सुझावों पर प्रभावी अमल करने का आग्रह किया है। नाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में प्रदेश की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। यह समय है कि गहन और तीव्र वैक्सीनेशन अभियान चलाने के साथ ही कोविड के विरूद्ध अनुकूल व्यवहार बनाने की संयुक्त नीति पर कार्य करें।
नाथ ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उनके द्वारा दूरभाष पर हुई चर्चा का हवाला देते हुये कहा कि मेरा कोविड नियंत्रण एवं इसके संक्रमण से प्रदेश के साढ़े सात करोड़ जनता को सुरक्षित बनाने और राहत प्रदान करने के लिये जो सुझाव दिये जा रहे हैं उस पर सरकार को तत्काल काम करना चाहिये।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दिये गये सुझावों में कहा –
-आज कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को गहनता और तीव्रता से लागू करने की अवश्यकता है। -उम्र के बंधन को समाप्त कर प्रदेश के प्रत्येक आमजन को कोरोना वैक्सीन नि:शुल्क लगाई जाये।
-प्रथम लहर एवं वर्तमान में अधिक संक्रमित क्षेत्रों को चिन्हांकित कर उनमें वैक्सीनेशन का कार्य प्राथमिकता से किया जाये।
-कोरोना वैक्सीन की आधिक्य में अग्रिम उपलब्धता एवं सुरक्षित भण्डारण वैक्सीनेशन के अभियान को अत्यधिक गति प्रदान करेगा। वैक्सीन की आधिक्य में अग्रिम उपलब्धता सुनिश्चित की जाना चाहिये।
-कोरोना वैक्सीन की जिलों में तात्कालिक अनुपलब्धता कोरोना वैक्सीनेशन के अभियान की गति को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है। प्रदेश में ऐसी स्थितियां निर्मित हुई हैं। अत: यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रत्येक वैक्सीनेशन केंद्र पर वैक्सीन उपलब्ध रहे और कोई आमजन बिना वैक्सीनेशन के वापस न जाये।
-वैक्सीनेशन अभियान को गति प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं अन्य की सहायता लेकर घर-घर जाकर आमजन को वैक्सीनेशन केंद्र तक लाने के प्रयास किये जायें, जिससे कि वैक्सीनेशन अभियान को तीव्रता मिले।
-कोरोना की जांच हेतु रैपिड टेस्ट की संख्या एवं गति बढ़ाई जाये एवं घर-घर जाकर टेस्ट किये जायें, जिससे कि अधिकाधिक जनसामान्य की जांच हो सके। व्यापक नि:शुल्क टेस्टिंग से चिन्हांकन एवं एकांतीकरण के कार्य को गति मिलेगी और कोरोना की प्रभावी रोकथाम होगी टेस्ट की रिपोर्ट न्यूनतम समय, यथा 8 घंटे में जारी की जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
-ट्रेसिंग-सर्वे के कार्य में भी गति लाई जावे।
-कोरोना की निजी अस्पतालों में जांच की दरों में न्यूनतम नियत किया जाकर इसके सुचारू अनुवीक्षण हेतु कठोर व्यवस्था लागू की जाना चाहिए।
-कोरोना से संक्रमितों के समुचित मुफ्त उपचार की सम्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाना चाहिए।
-प्रदेश में कोरोना के उपचार हेतु आई.सी.यू.- एच.डी.यू. बेड एवं ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता लगभग समाप्त हो गई है। इस विषय पर तत्काल कार्यवाही आवश्यक है, अन्यथा की स्थिति भयावह होगी।
-अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इस हेतु तत्काल आवश्यक निर्णय लिये जावें। प्रदेश के ऐसे ऑक्सीजनप्रदाय प्लांट जो कि किसी कारण से बंद हैं, उन्हें पुन: अविलम्ब प्रारंभ कराया जाना चाहिए ताकि ऑक्सीजन की सुचारू एवं सतत् व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।