नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16 जनवरी यानी सोमवार से दिल्ली में शुरू होगी। इस महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक में इस बात पर भी फैसला होगा की बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा। इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत 350 कार्यकारी सदस्य शामिल होंगे। बैठक का मुख्य एजेंडा चुनावी राज्यों की रणनीति बनाने और मोदी सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने के तौर तरीकों को निर्धारित करना ही होने जा रहा है। साथ ही इसमें विधानसभा एवं आम चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
क्या जेपी नड्डा का बढ़ेगा कार्यकाल ?
भारतीय जनता पार्टी में हर कार्यकाल के लिए चुनाव होता है। लेकिन चुनावी साल मे बीजेपी कार्यकारिणी के जरिये कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यकाल को लोकसभा चुनाव तक बढ़ाया गया था। इससे पहले 2018 की तरह इस बात की उम्मीद लगाई जा रही थी कि जेपी नड्डा जिनका कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है, उनके कार्यकाल को लोकसभा चुनाव तक बढ़ा दिए जाये।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद कितने साल का होता ?
भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव प्रदेश संगठनों के चुनाव के बाद होता है। नियम के अनुसार अगर 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन का चुनाव हो गया है तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है. एक राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए होता है. पार्टी के संविधान की धारा 21 के अनुसार, कोई भी नेता तीन-तीन साल के दो कार्यकाल तक ही बीजेपी का अध्यक्ष रह सकता है। यानी एक नेता लगातार 6 सालों तक अध्यक्ष पद पर रह सकते हैं।
कैसा रहा जे पी नड्डा का कार्यकाल
अगर बात करें वर्तमान अध्यक्ष जे पी नड्डा की तो उनके कार्यकाल में भाजपा को लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत हासिल हुई है है। 2019 से उनके कार्यकाल में लोकसभा चुनाव से लेकर हाल मे गुजरात विधानसभा चुनाव मे ऐतिहासिक जीत मिली है। इसके अलावा इनके ही कार्यकाल मे बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भारी बहुमत से सरकार बनाई है।
गौरतलब है कि इस साल यानि 2023 में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले है। जिनमें से राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। वहीं इन राज्यों के विधासभा चुनावों के परिणामों का आगामी लोकसभा चुनाव पर सीधा असर देखने को मिलेगा। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की ऐसे नेता को पार्टी की कमान सौंपना चाहेगी जो इन सभी चुनावों में पार्टी को प्रचंड जीत हासिल करा सके।