Iran Israel War: मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव से बढ़ रहीं तेल की कीमतें, जानें क्यों होता है ऐसा?

Meghraj
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Iran Israel War: ईरान और इजराइल के बीच हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं, जिससे संभावित बड़े युद्ध की चिंता जताई जा रही है। यदि ऐसा होता है, तो इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ेगा, खासकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर।

ईरान का तेल उत्पादन: वैश्विक स्थिति

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान दुनिया का सातवां सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। यह अपने कुल उत्पादन का लगभग आधा हिस्सा निर्यात करता है और इसके पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तेल भंडार है। गैस के मामले में भी ईरान का महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि इसके पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गैस भंडार है। ईरान प्रतिदिन लगभग 3 मिलियन बैरल तेल का उत्पादन करता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अगर इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता है, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें काफी प्रभावित हो सकती हैं।

ईरान की तेल निर्यात से आय

अमेरिका द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों के बावजूद, ईरान ने 2024 की पहली तिमाही में तेल निर्यात से 35.8 बिलियन डॉलर की कमाई की, जो पिछले 6 वर्षों में सबसे अधिक है। चीन, जो ईरान से सबसे अधिक तेल खरीदता है, अपने कुल तेल निर्यात का 80 फीसदी अकेले ईरान से लेता है, जो प्रतिदिन 15 लाख बैरल के करीब है।

इजराइल का संभावित जवाब: ईरान के तेल संयंत्रों पर हमला

1 अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर सैकड़ों मिसाइलें दागी, जिसके बाद इजराइल ने चेतावनी दी कि ईरान को एक गंभीर प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। ऐसी अटकलें हैं कि इजराइल ईरान के तेल ठिकानों पर बमबारी कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इस संभावना का संकेत दे चुके हैं। यदि इजराइल ऐसा करता है, तो इससे वैश्विक तेल कीमतों में वृद्धि हो सकती है, विशेष रूप से भारत और चीन में, जो ईरान से तेल आयात करते हैं।

भारत का ईरान से तेल आयात

भारत ने साल 2019-20 में ईरान से 1.4 अरब डॉलर का तेल आयात किया था। इस प्रकार, ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव का प्रभाव न केवल मध्य पूर्व पर, बल्कि विश्व अर्थव्यवस्था, विशेषकर भारत और चीन पर भी पड़ सकता है। इस स्थिति के परिणामस्वरूप, वैश्विक तेल बाजार में अनिश्चितता और मूल्य वृद्धि की आशंका बढ़ गई है।