इंदौर। सदियों के वनवास से लौट कर आ रहे रामलला के स्वागत में लगभग 10,000 जिजाऊ भक्तों द्वारा इंदौर के राजवाड़ा पर हनुमान चालीसा का 3 बार पाठ किया गया उसके बाद शुरू हुई स्वराज्य स्वाभिमान यात्रा से सारा शहर रोशन हुआ यात्रा में हाथी , घोड़े , पालकी, दिव्यरथ एवम पारंपरिक वेशभूषा में समाजजन शामिल हुए महिलाएँ जीजामाता के रूप में और बच्चे बाल शिवाजी के रूप में बन कर आये जो की यात्रा का आकर्षण था।
पिछले 200 सालों से मराठा वैभव का साक्षी रहा राजबाडा एक बार पुनः मराठा समाजजनों की उपस्थिति में जगमगा उठा।स्वराज्य स्वाभिमान यात्रा का पथसंचलन जिजाऊ जयंती पर राजबाडा से निकल कर हजारों लोगों की संख्या में जिजाऊ चौक (तीन पुलिया ) पहुँचा पदयात्रा के पहले राजबाडा पर 3 बार सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया । पिछले वर्ष 400 किलोमीटर दूर से जिजामाता की जन्मस्थली की माटी एवं कलश दिव्य रथ में सवार हो कर स्वराज्य जननी जिजामाता की प्रतिमा स्थापित की गयी थी।
सर्व मराठी भाषी संघ की अध्यक्ष श्रीमती स्वाति युवराज काशिद ने बताया कि 12 जनवरी को राजमाता जिजाऊ की जयंती देश भर में मनाई जाती है जीजामाता भारत की वह महान नारी शक्ति है जिनके संस्कारों के कारण ही शिवाजी महाराज हिंदवी स्वराज को स्थापित कर पाए और छत्रपति शिवाजी महाराज कहलाए हमारा यह मानना है कि यदि जीजामाता शिवाजी महाराज को बचपन से वह संस्कार नहीं देती तो हिंदवी स्वराज्य भी स्थापित नहीं हो पाता अर्थात् जितना समर्पण शिवाजी महाराज ने दिया है उतना ही जीजामाता ने भी दिया है इसलिये उनकी जयंती को लेकर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए इस वर्ष जीजामाता की 426वी जयंती है।
अब तक इंदौर में राजमाता जिजाऊ की कोई प्रतिमा नहीं थी लेकिन स्वराज्य स्वाभिमान उत्सव के तहत बीते वर्ष 2023 में हमने तीन पुलिया चौराहे का नाम बदल कर जीजामाता की प्रतिमा स्थापित की साथ ही इस वर्ष 22 जनवरी 2024 को सदियों के इंतज़ार के बाद हम सब के आदर्श रामलला के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है रामलला के सत्कार एवं सम्मान में हमने लगभग 10,000 भक्तों के साथ राजबाडा पर हनुमान चालिसा का सामूहिक पाठ किया एवं विधिवत पूजा अर्चना की गयी उसके बाद पदयात्रा आरंभ हुई ।
बच्चो कि मोबाइल की लत छुड़वाने के लिए 7 दिवसीय निःशुल्क शस्त्र कला प्रशिक्षण
स्वाति काशिद ने आगे बताया महिलाओं और युवतियों पर बढ़ते अत्याचार जैसे छेड़छाड़ और लव जिहाद जैसे बढ़ते अपराधों एवं बच्चे लगातार मोबाइल में लगे रहते हैं जिस वजह से उनकी शारीरिक गतिविधियाँ नहीं हो पाती यह हमारे देश की बड़ी समस्याओं में से एक है इन्ही कारणों को दखते हुए हमारी संस्था द्वारा यह फैसला लिया गया कि इस वर्ष हम जिजाऊ जनमोत्स्व 7 दिवसीय निशुल्क शस्त्र कला प्रशिक्षण के साथ मनाए जिसमें महिलाओं, युवतिओं एवं हजारो की संख्या में बच्चे शामिल हुए जिन्होंने लाठी काठी, दानपट्टा, तलवारबाजी, ढोल-लेजिम, ध्वजपथक का प्रशिक्षण लिया।