इंदौर संभाग में पंजीयन एवं मुद्रांक से राजस्व में बढ़ोत्तरी की जाए – संभागायुक्त

bhawna_ghamasan
Published on:

इंदौर। संभागायुक्त मालसिंह ने निर्देश दिये हैं कि इंदौर संभाग में सम्पत्तियों के पंजीयन एवं मुद्रांक से राजस्व में बढ़ोत्तरी की जाये। संभाग में अभियान चलाकर आरआरसी प्रकरणों का निराकरण एक माह की अवधि में सुनिश्चित किया जाये। जरूरत पड़ने पर कुर्की की कार्यवाही भी की जाये।

संभागायुक्त मालसिंह ने आज यहां संभागायुक्त कार्यालय में इंदौर संभाग के जिला पंजीयन अधिकारियों की बैठक ली। इस अवसर पर डीआईजी पंजीयन एवं मुद्रांक बी.के. मोरे सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे। बैठक में संभागायुक्त मालसिंह ने पंजीयन एवं मुद्रांक से जारी वित्तीय वर्ष में अभी तक प्राप्त राजस्व, पंजीबद्ध दस्तावेजों की संख्या, मुद्रांक प्रकरणों की निराकरण की स्थिति, आरआरसी प्रकरणों के निराकरण की जानकारी आदि की समीक्षा की।

बैठक में मालसिंह ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने जिलों में पंजीयन एवं मुद्रांक से राजस्व में बढ़ोत्तरी करें। उन्होंने कहा कि मुद्रांक प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समयावधि में करें एवं निराकृत प्रकरणों की राशि की वसूली भी समय पर की जाये। उन्होंने आरआरसी प्रकरणों के निराकरण की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि अभियान चलाकर आरआरसी लंबित सभी प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित हो। जरूरत पड़ने पर कुर्की की कार्यवाही भी की जाये। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे पंजीयन एवं मुद्रांक के जारी वित्तीय वर्ष की लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करें।

बैठक में मालसिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन निर्धारण, समयमान वेतनमान के प्रकरणों के निराकरण, सभी स्वत्वों के भुगतान और पेंशन प्रकरणों का निराकरण समय पर सुनिश्चित किया जाये। बैठक में डीआईजी पंजीयन एवं मुद्रांक श्री बी.के. मोरे ने बताया कि संभाग में जारी वित्तीय वर्ष में 3236 करोड़ रूपये के राजस्व वसूली का लक्ष्य है। संभाग में जारी वर्ष के प्रारंभ से अभी तक गत माह अंत तक 891.57 करोड़ रूपये का राजस्व हासिल किया गया है। गत वर्ष इस अवधि में 789.38 करोड़ रूपये का राजस्व हासिल हुआ था। बताया गया कि संभाग में सम्पत्तियों के 95 हजार 125 दस्तावेजों का पंजीयन जारी वर्ष में अभी तक किया जा चुका है। गत वर्ष इस अवधि में 83 हजार 364 दस्तावेज पंजीबद्ध किये गये थे।