धार्मिक नगरी महेश्वर में कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंडलेश्वर में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मंच से घोषणा की कि एक हजार करोड़ रुपये की महेश्वर जानापाव सिंचाई योजना का नाम बदलकर अब देवी अहिल्या सिंचाई योजना रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने देवी अहिल्या को स्मरण करते हुए कहा कि मुगल काल के दौरान कई बड़े राजा जनेऊ छुपाने और तिलक हटाने पर मजबूर हो गए थे। लेकिन अहिल्या बाई ने धर्म की ध्वजा उठाकर समाज का मान बढ़ाया। उन्होंने अपने निजी दुखों को कभी अपने कर्तव्यों पर हावी नहीं होने दिया। अहिल्या बाई ने अपना पूरा जीवन जनता की सेवा और सुशासन के लिए समर्पित कर दिया।
अहिल्या माता ने महिलाओं के लिए एक सैन्य टुकड़ी का गठन किया और उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा दिलाया। उन्होंने उज्जैन में कई बाग और घाट बनवाए। महाकाल महाराज की दूसरी सवारी आज भी अहिल्या माता द्वारा दिए गए मुखाविंद के नाम पर निकलती है, और यह परंपरा उज्जैन में आज तक जारी है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भारत की पहचान मातृ सत्ता के आधार पर है। दुनिया के 200 से अधिक देशों में से केवल हम ही “भारत माता की जय” कहते हैं। कोई “अमेरिका माता” या “इंग्लैंड माता” नहीं कहता। इसी कारण हमारी सरकार नारी सशक्तिकरण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेगी।
महेश्वर की पवित्र धरती से सभी धार्मिक नगरों में शराबबंदी की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लगातार समाज के हित में फैसले ले रही है। हाल ही में रिजनल इंडस्ट्री समिट के माध्यम से उद्योगों की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिससे रोजगार के इच्छुक युवाओं को लगभग तीन लाख नए अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही, देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद, खरगोन द्वारा वर्ष 2025 का कैलेंडर जारी किया गया।