Indore News : राज्यपाल पटेल ने किया केंद्रीय जेल का दौरा

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इंदौर(Indore News): “सार्थक जीवन वही है जो मानवता की सेवा में खुद को न्योछावर कर दे। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि अपना जीवन लेने के लिए नहीं देने के लिए जियें। इसी ध्येय को अपने अंदर समाहित करते हुए जेल में रह रहे बंदी आत्म अवलोकन करें और स्वयं को बेहतर और अच्छा इंसान बनाने का सतत प्रयास करें। देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए अपने जीवन को सार्थक बनाएं।

जो मनुष्य अपना जीवन दूसरों के लिए समर्पित करता है, कुदरत भी हमेशा उसकी सहायता करती है।” इन्हीं शब्दों के साथ राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने केंद्रीय जेल इंदौर में उपस्थित बंदियों का मनोबल बढ़ाते हुए हौसला अफजाई की। राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने अपने इंदौर प्रवास के दूसरे दिन केंद्रीय जेल इंदौर पहुंचकर जेल परिसर का भ्रमण किया और जेल में रह रहे बंदियों को संबोधित किया। इस अवसर पर सांसद  शंकर लालवानी, गौरव रणदिवे,मध्यप्रदेश के महानिदेशक जेल  अरविंद कुमार, इंदौर संभाग के आईजी  हरिनारायणचारी मिश्रा, कलेक्टर मनीष सिंह, केंद्रीय जेल अधीक्षक  अलका सोनकर एवं अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मानवीय दृष्टिकोण से केंद्रीय जेल इंदौर में बंदियों को दी जा रही है सभी सुविधाएं- राज्यपाल पटेल

राज्यपाल  मंगू भाई पटेल ने कहा कि उन्होंने जेल परिसर के भ्रमण के दौरान पाया कि केंद्रीय जेल इंदौर में बंदियों की सुविधा हेतु सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध हैं। जेल परिसर में ई-मुलाकात सेवा, दूरभाष सेवा तथा बंदियों को चिकित्सा सेवा भी प्रदान की जा रही है। जनभागीदारी से जेल के बंदियों को जीवन यापन करने के लिए अनेक प्रकार के कौशल प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं। मानवता की दृष्टि से जो सुविधा बंदियों को मिलनी चाहिए वह इस जेल परिसर में बंदियों को दी जा रही है। राज्यपाल  पटेल ने कहा कि राज्य शासन बंदियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में आवश्यकता अनुसार बंदियों को शत-प्रतिशत विधिक सेवा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रदेश की समस्त जेलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय से जोड़ा जा रहा है। जिससे बंदियों के न्यायालयीन प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जा सके। राज्यपाल पटेल ने कहा कि जेल में रह रहे बंदियों को अच्छा साहित्य पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, जिससे बंदी होने के उपरांत भी यहां रह रहे लोग अपने जीवन को आनंदमय बना सकेंगे । इसी के साथ ही योग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान दिया जाए, इसके लिए भी नियमित योग शिविर आयोजित किए जाएं। उन्होंने जेल में रह रहे बंदियों से कहा कि जेल परिसर में जो भी आपको सीखने को मिल रहा है उससे अपने जीवन को और अधिक उपयोगी बनाने में आपको सहायता मिलेगी और आचरण में सुधार आ सकेगा।

सांसद  शंकर लालवानी ने कहा कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल  मंगू भाई पटेल की संवेदनशीलता का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि वे आज केंद्रीय जेल का भ्रमण कर रहे हैं। इंदौर की केंद्रीय जेल का इतिहास अपने आप में गौरवशाली है, यहां आजादी के आंदोलन में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों से लेकर इमरजेंसी के समय में मीसा बंदियों को भी रखा गया था। इस जेल में समय-समय पर बंदियों के जीवन को और बेहतर बनाने के लिए तरह-तरह के नवाचार होते रहे हैं। बंदियों के लिए जितनी सुविधा संभव है वह जेल प्रशासन द्वारा प्रदान की जा रही है। इंदौर केंद्रीय जेल ही एकमात्र ऐसी जेल है जहां बंदियों द्वारा बर्तनों का निर्माण किया जा रहा है ।

यहां जनभागीदारी के माध्यम से सभी को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में नित नए प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय जेल में कोरोना वायरस के दौरान कोरोना गाईड लाईन का पूर्णत: पालन किया गया था जिसका नतीजा यह था कि कोरोना वायरस का न्यूनतम प्रभाव जेल में रह रहे बंदियों पर पड़ा। उन्होंने कहा कि इंदौर में एक और सर्व सुविधायुक्त बड़ी केंद्रीय जेल का निर्माण किया जा रहा है जो जल्द ही तैयार हो जायेगी। इस अवसर पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने जेल परिसर में बंदियों द्वारा निर्मित किए गए कान्हा विक्रय केंद्र का अवलोकन किया।

उन्होंने ई-रिक्शा में बैठकर संपूर्ण जेल परिसर का भ्रमण किया तथा बंदियों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं जेल वाणी एफएम 18.77 को सुना एवं जेल प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं इन प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल  पटेल ने जेल परिसर में बेलपत्र का वृक्षारोपण भी किया। केंद्रीय जेल इंदौर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बंदियों द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक एवं मलखंब खेल की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान जेल के बंदी द्वारा निर्मित की गई मां अहिल्या देवी के चित्र को राज्यपाल मंगू भाई पटेल को भेंट भी किया गया।