इंदौर-दाहोद रेल लाइन: मुंबई की दूरी 55 किलोमीटर कम, उद्योगों को मिलेगा बड़ा फायदा

Deepak Meena
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इंदौर-दाहोद रेल लाइन की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है। पीथमपुर के पास 2.9 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसके बाद अब इंदौर से मुंबई की दूरी 55 किलोमीटर कम हो जाएगी। यह नया रेल मार्ग न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि मध्य प्रदेश के उद्योगों को भी बड़ा फायदा पहुंचाएगा।

आइए जानते हैं इस रेल लाइन की कुछ खास बातें:

कम होगी दूरी: इंदौर से मुंबई की दूरी अभी 829 किलोमीटर है, जो इस नए रेल मार्ग के बनने के बाद 774 किलोमीटर रह जाएगी।
सुगम होगा माल ढुलाई: पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र से मुंबई तक माल ढुलाई अब आसान हो जाएगी। इससे उद्योगों को अपने उत्पादों को गुजरात और महाराष्ट्र तक पहुंचाने में आसानी होगी।
कम होगा खर्च: नए रेल मार्ग से माल ढुलाई में लगने वाला समय और खर्च कम होगा।
तेज गति वाली ट्रेनें: इस रेल मार्ग पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी।
आधुनिक तकनीक: इस रेल लाइन में सुरंगों और पुलों सहित आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
यह रेल लाइन कब बनकर तैयार होगी?

इंदौर-दाहोद रेल लाइन का काम 2007 में शुरू हुआ था। 2012 में रेलवे बोर्ड ने इस परियोजना के लिए 1640 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। इस रेल लाइन की सबसे बड़ी बाधा टीही के पास बनने वाली 2.9 किलोमीटर लंबी सुरंग थी। इस सुरंग के निर्माण में कई देरी हुईं और पानी भर जाने के कारण काम भी रुक गया था।

पिछले साल सुरंग का काम फिर से शुरू हुआ और अब यह पूरा हो चुका है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अगले साल तक इस रेल लाइन का काम पूरा हो जाएगा। यह रेल लाइन इंदौर, धार, सरदारपुर और दाहोद शहरों को जोड़ेगी। यह मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगी।