Indore : इंदौर के दंपति ने सबसे बड़ी तेल कंपनी के लिए बनाया वायस असिस्टेंट

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सर्वश्रेठ स्वच्छ शहर के बाद अब इंदौर स्टार्टअप (Indore Startup) के लिए भी आगे बढ़ रहा है। इंदौर देश की ‘स्टार्टअप वैली’ (Startup Valley) की तरह अपने आप को तैयार कर रहा है। मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) राज्य अब स्टार्टअप के लिए प्लान बना रहा है। स्टार्टअप नीति का उद्धघाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 13 मई को किया है। इस स्टार्टअप नीति का सबसे बड़ा उदहारण इंदौर के कपल हिमांशु व कोमल चतुर्वेदी (Himanshu and Komal Chaturvedi) हैं। दुनिया के 8 देशों की बड़ी कंपनियां इनकी मदद से अपने बिज़नेस को बड़े अच्छे से चला रहे है। हिमांशु व कोमल का स्टार्टअप ब्रांडिंग (Startup Branding) की दुनिया में मोशन जिलेटी तेजी से आगे चल रहा है।

वायस असिस्टेंट बनाकर कमा लिया नाम और दाम

अब इंदौर का स्टार्टअप मोशन जिलेटी अमेरिका, आस्ट्रेलिया, नीदरलैंड्स, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा के साथ ही 8 देशों की बड़ी कंपनियों को ब्रांडिंग में मदद करता है। इंदौर के कपल हिमांशु व कोमल चतुर्वेदी के दिमाग में ब्रांडिंग स्टार्टअप का आइडिया साल 2015 में आया था। 2 साल पूरी तरह से रिसर्च करने के बाद 2017 में इन्होंने इसकी शुरुआत करी। इतने कम समय में, कम लागत और अच्छी क्वालिटी के साथ एनिमेटेड वीडियो ब्रांडिंग करने के लिए अबू धाबी नेशनल आयल कंपनी जो की दुनिया की बड़ी तेल कंपनी में से एक है उन्होंने इन्हें मीरा नाम के एक वाइस असिस्टेंट डिजाइन करने को कहा और इन्होंने यह करके भी दिखा दिया। यह एक ऑर्डर के बाद इन्हें देश की और भी बड़ी कंपनियों के ऑर्डर आने लगे। कोमल चतुर्वेदी जो की कंपनी की संस्थापक हे वह कहती है कि अब हम भारत में भी ब्रांडिंग का काम कर सकते है, इसलिए अब हम 18 से 45 साल के लोगों के लिए भी अब 30-30 सेकंड की कार्टून फिल्में भी बनाएंगे।

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गोंद में की नई खोज

अब स्टार्टअप की दुनिया में डिजिटल सर्विसेज और इनोवेशन की अधिकता है, लेकिन एक नया प्रोडक्ट भी सबका ध्यान खींचता है। एक और इंदौर के ही निवासी पंकज केसकर और उनकी बहन पल्लवी केसकर ने एक्वाटेक पालिमर्स कंपनी बनाई। दोनों भोई बहन ने ढाई साल तक गहरी रिसर्च करके ऐसा इंसुलेशन गोंद तैयार किया, जो अभी तक किसी ने भी भारत में नहीं बनाया है। यह एक ऐसा रासायनिक गोंद है जो की बिजली के ट्रांसफार्मर के अंदर के पुर्जों को जोडऩे में मदद करता है। भारत सरकार की बड़ी कंपनी भेल इस गोंद को जर्मनी की बड़ी कंपनी एलांटास से खरीदती थी, लेकिन पंकज व पल्लवी ने इसे भारत में ही तैयार करने का फैसला लिया और सफलता के साथ ही पूरा भी किया। जब इन्होंने भोपाल भेल में अपना बनाया हुआ गोंद भेजा तो वहा के इंजीनियर भी हैरान रह गए। पूरी तरह से देख रेख के बाद अब जर्मनी के बजाय इंदौर के स्टार्टअप को गोंद का आर्डर दिया जाता है।

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