इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने कुछ नए अंदाज में आज कुछ योजनाओं में शामिल किसानों की जमीन के पट्टे के लेटर प्रणाम करते हुए दिए। बुजुर्ग किसानों को चावड़ा का अंदाज दिल को छू गया।
टीपीएस योजनाओं के किसानों को भूमि अधिकार पत्र किए गए प्रदान
इंदौर विकास प्राधिकरण में आज एक सादे समारोह में पी एस क्रमांक 1,3,5,8 योजनाओं के किसानों को अधिकार पत्र प्रदान किए गए इस अवसर पर प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरके अहिरवार एवं उपाध्यक्ष राकेश गोलू शुक्ला अधीक्षण यंत्री जी एस जादौन भू अर्जन अधिकारी मनीष श्रीवास्तव सहायक भू अर्जन अधिकारी राजेश पारे सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने इस अवसर पर कहा कि इन योजनाओं का विकास किए जाने हेतु प्राधिकरण कृत संकल्पित है।
लैंड पूलिंग एक्ट 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत योजनाओं की समय सीमा तय की गई है जिसके अंतर्गत विकास को तय समय में पूर्ण किए किया जाना आवश्यक है, एवं इसमें समाविष्ट भूमियों के भूधारको को उनकी भूमि के बदले 50% विकसित भूखंड प्रदान किए जाने का प्रावधान है, अध्यक्ष श्री जयपाल सिंह चावड़ा ने बताया कि टीपीएस योजना क्रमांक 1 जिसका क्षेत्रफल लगभग 50 हेक्टेयर टीपीएस योजना क्रमांक तीन क्षेत्रफल लगभग 140 हेक्टेयर क्रमांक 5 क्षेत्रफल 108 हेक्टेयर क्रमांक 8 8 क्षेत्रफल लगभग 302 हेक्टेयर में शामिल बहुत से बुधवार को भू अधिकार प्रदान किए जाने की प्रक्रिया चालू कर दी है।
Also Read : दुनिया का 8वां सबसे प्रदूषित देश बना भारत, शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में 6 भारतीय शहर
आज मुख्य रुप से बद्रीलाल पिता बाबूलाल मलखान धन्नालाल बद्रीलाल पिता रणछोड़ खाती मलखान पिता रणछोड़ खाती प्रकाश चंद तुषार कांत केदार खाती केयर प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्टर महेश कोठारी विनोद शैतान मंजू विनोद भंडारी सहित किसानों को भू अधिकार पत्र प्रदान किए गए चावला ने बताया कि योजना के विकास को लेकर चौतरफा दबाव के चलते हमने जानबूझकर इन भू अधिकार पत्रों को प्रदान किए जाने में कुछ विलंब किया गया ताकि भूमि पर लगाई गई फसल खराब ना हो और किसान भाइयों को कोई विपरीत नुकसान ना हो सके क्योंकि फसल पक चुकी है एवं फसल कटाई का कार्य जोरों पर है इसलिए शीघ्र ही इन भूमियों पर भू अधिकार पत्र प्रदान किए जाकर विकास कार्य में तेजी लाई जाएगी, मुख्य कर पालिका अधिकारी आरपी अहिरवार ने ने बताया कि योजना के संबंध में कोई भी जानकारी या संख्या की स्थिति में किसान उन से सीधा संपर्क कर सकते हैं, परंतु योजनाओं का क्रियान्वयन हो सके इस हेतु किसानों की सहभागिता अधिक से अधिक होना आवश्यक है।