Indian Railways : इंडियन रेलवे ने अपने रिटायर कर्मचारियों को एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक सूचना दी है। रेलवे ने निर्णय लिया है कि वह 65 वर्ष से कम आयु के रिटायर कर्मचारियों को फिर से अस्थायी तौर पर नौकरी पर रखेगा। यह कदम रेलवे में हो रही कर्मचारियों की कमी को दूर करने और विभिन्न क्षेत्रों में रिक्त पदों को भरने के लिए उठाया गया है। इस पहल के तहत रेलवे बोर्ड ने 25,000 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें रिटायर कर्मचारी पर्यवेक्षक (supervisor) से लेकर ट्रैक मैन (track man) जैसे विभिन्न पदों पर आवेदन कर सकते हैं।
Indian Railways : रिटायर कर्मचारियों की नियुक्ति
रेलवे द्वारा किए जाने वाले इन अस्थायी नियुक्तियों की अवधि दो साल तक होगी, जिसे आवश्यकता अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है। इन कर्मचारियों का चयन उनकी पिछली मेडिकल फिटनेस रिपोर्ट और प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। रेलवे ने आदेश जारी किया है कि सभी क्षेत्रीय रेलवे के महाप्रबंधक पिछले 5 वर्षों में कर्मचारियों की मेडिकल फिटनेस और परफॉर्मेंस रेटिंग (secret report) को ध्यान में रखते हुए इन रिटायर कर्मचारियों को नियुक्त कर सकते हैं।
नियुक्ति के लिए शर्तें
रेलवे द्वारा निर्धारित की गई शर्तों के तहत, आवेदन करने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले अपनी गोपनीय रिपोर्ट में अच्छे अंक प्राप्त होने चाहिए और उनके खिलाफ कोई भी विजिलेंस (Vigilance) या डिपार्टमेंटल एक्शन का मामला नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, इस नियुक्ति के दौरान कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन के बराबर एक फिक्स्ड सैलरी मिलेगी, हालांकि उनकी पेंशन में से एक हिस्सा घटाया जाएगा। इस दौरान, कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA) या वेतन वृद्धि (Increment) का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
रेलवे की बढ़ती समस्याएं
यह कदम विशेष रूप से बढ़ती रेल दुर्घटनाओं और घटते स्टाफ की कमी को देखते हुए उठाया गया है। उदाहरण के तौर पर, उत्तर-पश्चिम रेलवे में वर्तमान में 10,000 पद खाली हैं, और यह संख्या अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ रही है। रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय तत्काल कर्मचारियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए लिया गया है। इस प्रकार, रिटायर कर्मचारियों को फिर से नियुक्त करने से रेलवे को अपने संचालन में सुधार लाने और कर्मचारियों की कमी से पैदा हो रही समस्याओं को हल करने में मदद मिलेगी।
इस योजना का उद्देश्य रेलवे के विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की कमी को तुरंत पूरा करना और सेवाओं के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करना है। साथ ही, यह कदम रिटायर कर्मचारियों के लिए भी एक अवसर प्रदान करेगा, ताकि वे अपनी सेवाएं पुनः रेलवे में दे सकें और साथ ही रेलवे को भी कर्मचारियों की कमी से जूझने में राहत मिले।