Indian Army Day : आज देशभर में सेना दिवस मनाया जा रहा है। 15 जनवरी को इस दिवस के रूप में मनाया जाता जाता है। ऐसे में आज के दिन ही फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा को भारतीय सेना का पहला सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। आज हम उनकी याद के रूप में इस दिवस को याद करते है। हम आपको उनके बारे में कुछ जानकारियां बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते है –
आपको बता दे, फील्ड मार्शल करिअप्पा का जन्म कर्नाटक में हुआ था। लेकिन उनका इंदौर से सबसे गहरा नाता है। ये इसलिए क्योंकि उन्होंने आर्मी की ट्रेनिंग इंदौर से ही ली थी। जानकारी के मुताबिक, इंदौर के ‘ट्रेनिंग स्कूल ऑफ इंडियन आर्मी कैडेट’ में साल 1934 से पहले तत्कालीन ब्रिटिश इंडियन आर्मी के युवा अफसरों की ट्रेनिंग होती थी।
दरअसल, इंदौर के मशहूर डेली कॉलेज कैम्पस में ट्रेनिंग स्कूल शुरू किया गया था। ऐसे में अफसरों के नाम में फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा का नाम भी शामिल है। कहा जाता है कि वह साल 1919 में सेना में कमीशंड हुए थे।
बता दे, भारतीय सेना के तत्कालीन कमांडर इन चीफ सर फ्रांसिस बुचर की जगह सेना के कमांडर इन चीफ का पद फील्ड मार्शल करिअप्पा ने साल 1949 में संभाला था। वह पहले साल 1942 में वह पहले भारतीय बने।
ऐसे में उन्हें एक यूनिट का कमांडर बनाया गया। फिर बाद में द्वितीय विश्व युद्ध में भी उन्होंने हिस्सा लिया। उसके बाद उन्होंने 1947 की भारत-पाक लड़ाई में भारतीय सेना का नेतृत्व किया।
बताया जा रहा है कि साल 1983 में केएम करिअप्पा को फील्ड मार्शल की उपाधि से सम्मानित किया गया। लेकिन सेना से रिटायर्ड होने के बाद वह ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में बतौर भारतीय हाई कमिश्नर बने। फिर उनका 5 मई 1993 में निधन हो गया।