Face Recognition Test : बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले को एक हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन यह मामला अब भी सुर्खियों में बना हुआ है। इस केस में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, तो कई सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं। पुलिस ने आरोपी शरीफुल को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस गिरफ्तारी पर भी कई सवाल उठ रहे हैं।
सीसीटीवी फुटेज में नजर आए हमलावर और पुलिस की हिरासत में मौजूद आरोपी की पहचान को लेकर लोग शंकाएं जता रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि दोनों के चेहरे मेल नहीं खाते। इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढने के लिए अब शरीफुल का फेस रिकॉग्निशन टेस्ट कराया जाएगा, जो मामले की सच्चाई को उजागर करेगा।

क्या है फेस रिकॉग्निशन टेस्ट?
फेस रिकॉग्निशन टेस्ट एक अत्याधुनिक तकनीक है, जो किसी व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने में मदद करती है। इसमें व्यक्ति के चेहरे की 3D इमेज बनाई जाती है और उसकी तुलना संदिग्ध फोटो या वीडियो से की जाती है।
आसान शब्दों में, यह तकनीक फोटो और वीडियो में दिख रहे चेहरे की पहचान करने में मददगार साबित होती है। यह पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए आपराधिक मामलों में बेहद कारगर है, क्योंकि इससे संदिग्धों की पहचान और ट्रैकिंग में सहायता मिलती है।
कैसे होता है यह टेस्ट?
फेस रिकॉग्निशन टेस्ट एक लैब में विशेषज्ञों की मौजूदगी में किया जाता है। सबसे पहले संदिग्ध का 3D इमेज तैयार किया जाता है। यह इमेज सीसीटीवी फुटेज में दिख रही तस्वीर के हर एंगल से मेल खाने के लिए बनाई जाती है। इसके बाद इन इमेज और फुटेज की तुलना की जाती है। इस प्रक्रिया में हर एंगल से तस्वीर का मिलान किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फुटेज में दिखा व्यक्ति वही है या नहीं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रक्रिया को पूरा करने में 48 से 72 घंटे तक का समय लगता है।
शरीफुल का टेस्ट कैसे होगा?
मुंबई पुलिस के पास सैफ अली खान के घर की सीढ़ियों का वह वीडियो है, जिसमें हमलावर नजर आया था। इसके अलावा अन्य सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के पास मौजूद हैं। फेस रिकॉग्निशन तकनीक का इस्तेमाल कर शरीफुल का 3D इमेज बनाया जाएगा। यह इमेज सीढ़ियों पर चढ़ते और उतरते हुए सभी एंगल से तैयार की जाएगी। इसके बाद इन तस्वीरों की तुलना सीसीटीवी फुटेज से की जाएगी। जब सभी एंगल से इमेज और फुटेज का मिलान हो जाएगा, तभी जांच की अंतिम रिपोर्ट सामने आएगी।
पुलिस पर सवाल और सच्चाई की तलाश
इस केस में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। आरोपी शरीफुल की गिरफ्तारी के बाद से ही यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या पुलिस ने सही व्यक्ति को पकड़ा है? इस संदर्भ में फेस रिकॉग्निशन टेस्ट से ही मामले की सच्चाई का खुलासा हो सकेगा।
फिलहाल आरोपी शरीफुल 29 जनवरी तक पुलिस हिरासत में है, और अब पूरी नजर इस टेस्ट की रिपोर्ट पर टिकी है, जो इस मामले की दिशा तय करेगी।