नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में अभियान के दौरान अनुशासनहीनता के लिए स्टार पहलवान विनेश फोगाट को ‘अस्थाई रूप से निलंबित’ कर दिया है। साथ ही दुर्व्यवहार के लिए युवा सोनम मलिक को नोटिस जारी किया है। मिली जानकारी के अनुसार टोक्यो खेलों के क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हुई विनेश को नोटिस का जवाब देने के लिए 16 अगस्त तक का समय दिया गया है। इसमें अनुशासनहीनता के तीन आरोप लगाए गए हैं।
साथ ही विनेश को खेलों में स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन बेलारूस की वेनेसा ने उन्हें चित कर दिया। वहीं कोच वोलेर एकोस के साथ हंगरी में ट्रेनिंग कर रही विनेश वहां से सीधे टोक्यो पहुंची थीं, जहां उसने खेल गांव में रहने और भारतीय टीम के अन्य सदस्यों के साथ ट्रेनिंग करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने भारतीय दल के आधिकारिक प्रायोजक शिव नरेश की पोशाक पहनने से इनकार करते हुए अपने मुकाबलों के दौरान नाइकी की पोशाक पहनीं।

वहीं डब्ल्यूएफआई सूत्र ने बताया कि, ‘यह अनुशासनहीनता है। उन्हें अस्थाई रूप से निलंबित किया गया है और कुश्ती से जुड़ी सभी गतिविधियों से प्रतिबंधित किया गया है। जवाब नहीं देने तक वह किसी राष्ट्रीय या अन्य घरेलू प्रतियोगिता में प्रतिस्पर्धा पेश नहीं कर पाएंगी और डब्ल्यूएफआई अंतिम फैसला करेगा।’ सूत्र ने कहा कि, ‘डब्ल्यूएफआई को आईओए ने फटकार लगाई है कि वे अपने खिलाड़ियों को नियंत्रित क्यों नहीं कर पाते। आईओए से संदर्भ में डब्ल्यूएफआई को नोटिस जारी कर रहा है।’
टोक्यो में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि विनेश को जब भारतीय टीम की उनकी साथियों सोनम, अंशु मलिक और सीमा बिस्ला के करीब कमरा आवंटित किया गया तो उन्होंने हंगामा कर दिया। साथ ही कहा कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकती हैं क्योंकि ये पहलवान भारत से टोक्यो आई हैं। अधिकारी ने कहा, ‘उन्होंने किसी भारतीय पहलवान के साथ ट्रेनिंग नहीं की. ऐसा लगा कि वह हंगरी की टीम के साथ आई हैं और भारतीय दल के साथ उनका कोई लेना देना नहीं है।’
उन्होंने बताया कि, ‘एक दिन उनकी ट्रेनिंग का समय भारतीय लड़कियों के समय से टकरा रहा था और उन्होंने उनके साथ एक ही जगह ट्रेनिंग नहीं करने का फैसला किया। यह स्वीकार्य नहीं है. सीनियर पहलवानों से इस तरह के बर्ताव की उम्मीद नहीं की जाती।’ अधिकारी ने कहा कि, ‘इन बच्चों को लगता है कि वे स्टार पहलवान बन गए हैं और कुछ भी कर सकते हैं। टोक्यो रवाना होने से पहले सोनम या उनके परिवार को डब्ल्यूएफआई कार्यालय से पासपोर्ट लेना था। लेकिन उन्होंने SAI अधिकारियों को उनके लिए पासपोर्ट लाने का आदेश दिया। यह स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कुछ भी हासिल नहीं किया है।’