बिहार में फिर बाढ़ का ख़तरा, नेपाल बना आफत

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By Akanksha JainPublished On: September 19, 2020
Bihar flood

 

पटना: बाढ़ की त्रासदी झेल चुके बिहार में एक बार फिर ख़तरा मंडरा रहा है। नेपाल और नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए है। गौनाहा प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है जिसके कारण कई गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है, तो वहीं नरकटियागंज के नंदपुर व कृषि विहार मोहल्ले में तेजी से पानी फैल रहा है जिसके कारण लोग सहम गए हैं।

बाढ़ का कहर इस तरह बरपाया है कि मर्ज़दी गांव का एप्रोच पथ काटहा नदी बहा ले गया जिससे इस गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय और अन्य गांवों से टूट गया है। इधर, अंचलाधिकारी अमित कुमार का कहना है कि बाढ़ को लेकर प्रशासन सख्त है। बाढ़ पर निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई अप्रिय घटना नहीं घटे।

जेएसएस अरविंद कुमार बताते हैं कि गुरुवार की रात्रि में 212.4 मिली मीटर बारिश हुई है जो इस साल का है। मरजदी गांव में चंद्र किशोर महतो,रवींद्र प्रसाद, कपिल देव ओझईयां,रहमत महतो आदि के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। धनौजी मुखिया रंजीत बहादुर राय उर्फ मिंगू बाबू बताते हैं कि मुसलाधार बारिश से बरवा गांव के लोगों का घर ध्वस्त हो गया है।

बता दें, बैक्ट्रियन कैमल का इस्तेमाल सिल्क रूट पर तिब्बत और लद्दाख के बीच सामान ढोने के लिए किया जाता था। अब तक इनके एक ब्रीड जंसकर का इस्तेमाल होता था लेकिन ऐसे ऊंटों के पैरों की बनावट ऐसी है कि वे रेगिस्तानी इलाकों के लिए ज्यादा अनुकूल हैं। हालांकि जंसकर पहाड़ी पर आसानी से चढ़ सकते हैं लेकिन माल ढोने की इनकी क्षमता केवल 40-50 किलो की है, जबकि बैक्ट्रियन कैमल 170 किलो तक सामान ढो सकते हैं।