कोयंबटूर पुलिस ने 1996 में हुए भीषण बम धमाके के मुख्य आरोपी सादिक राजा को करीब 29 साल बाद कर्नाटक के विजयपुरा से गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। सादिक राजा इतने सालों से फरार था और उसने पहचान बदलकर खुद को छिपा लिया था। वह विजयपुरा में पिछले 12 सालों से एक सब्जी विक्रेता बनकर रह रहा था। पुलिस को एक खास सुराग मिला, जिसके बाद इस ऑपरेशन को पूरी गोपनीयता के साथ अंजाम दिया गया।
पहचान छिपाकर सब्जी विक्रेता बनकर रह रहा था

सादिक राजा मूल रूप से कर्नाटक के चामराजनगर जिले के गुंडलुपेट का रहने वाला है। बम धमाकों के बाद वह फरार हो गया था और उसने जगह-जगह ठिकाने बदलने शुरू कर दिए। पहले वह तमिलनाडु में छिपा, फिर बेंगलुरु और हुबली पहुंचा। आखिर में उसने विजयपुरा को अपना ठिकाना बनाया। यहां वह नकली नाम से एक सब्जी विक्रेता बन गया और सामान्य जिंदगी जीने लगा। पुलिस को भी उस पर शक नहीं हुआ, क्योंकि उसने शादी भी हुबली की एक महिला से कर ली थी और पूरी तरह से समाज में घुल-मिल गया था।
मदुरै, नागोर और कोयंबटूर धमाकों में थी संलिप्तता
कोयंबटूर पुलिस सूत्रों के अनुसार, सादिक राजा सिर्फ 1996 के कोयंबटूर बम धमाके का ही आरोपी नहीं था, बल्कि वह मदुरै और नागोर में हुए अन्य धमाकों में भी शामिल था। उसकी तलाश कई सालों से चल रही थी, लेकिन वह हर बार पुलिस को चकमा देकर बच निकलता था। धमाकों के बाद उसने खुद को छिपाने के लिए बार-बार शहर और पहचान बदली, जिससे पुलिस को उसका पता लगाने में काफी वक्त लग गया।
गोपनीय ऑपरेशन से हुई गिरफ्तारी
कोयंबटूर पुलिस को हाल ही में एक पुख्ता सुराग मिला था, जिसके आधार पर उन्होंने ऑपरेशन शुरू किया। इस ऑपरेशन को पूरी तरह से गुप्त रखा गया। यहां तक कि विजयपुरा जिले की पुलिस को भी इसकी जानकारी पहले से नहीं दी गई थी। सादिक को संदेह के आधार पर पकड़ा गया और फिर अन्य गिरफ्तार आरोपियों की मदद से उसकी पहचान की पुष्टि की गई। इसके बाद विजयपुरा पुलिस ने भी कोयंबटूर टीम की मदद की।
अब तमिलनाडु ले जाकर की जा रही है पूछताछ
गिरफ्तारी के बाद सादिक राजा को हिरासत में लेकर तमिलनाडु ले जाया गया है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि वह बाकी फरार आरोपियों और बम धमाकों की योजना से जुड़ी कई अहम जानकारियां देगा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इतने वर्षों बाद भी इस केस में प्रगति एक बड़ा संकेत है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराधी चाहे कितने भी समय तक छिपे रहें, एक दिन कानून उन्हें पकड़ ही लेता है।