सिफारिश और रिश्वत से मुक्त हुई यूपी की भर्ती प्रक्रिया, सीएम योगी बोले निष्पक्ष और पारदर्शी चयन प्रक्रिया ही प्रदेश की पहचान

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By Abhishek SinghPublished On: September 8, 2025

मुख्यमंत्री योगी सोमवार को लखनऊ के लोकभवन में 1112 कनिष्ठ सहायक और 22 एक्स-रे तकनीशियन को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब युवाओं को सीधे नियुक्ति पत्र मिलते हैं, बिना किसी सिफारिश या लेन-देन के। नौकरी पाने के लिए किसी से सिफारिश करने की जरूरत नहीं है और युवा अपनी योग्यता और दक्षता के आधार पर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। यह तभी संभव है जब सरकार जिम्मेदार और प्रभावी हो। पहले नौकरियां जाति और धर्म के आधार पर दी जाती थीं, सिफारिश करनी पड़ती थी और रिश्वत भी दी जाती थी, लेकिन अब नियुक्ति प्रक्रिया समय पर और पूरी तरह पारदर्शी तरीके से हो रही है। निष्पक्ष और पारदर्शी चयन ही नए उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुकी है।


उन्होंने कहा कि जब भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष और समय पर हो रही है, तो उनकी आपसे यही अपेक्षा है कि अपने कार्यस्थल पर किसी के साथ भेदभाव न करें। गरीब, ग्रामीण या जरूरतमंद व्यक्ति आने पर पूरी प्रतिबद्धता के साथ उनकी समस्याओं का समाधान करें।

एक व्यक्ति के 8 जगहों पर करता था नौकरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में एक भर्ती मामले की जांच चल रही है, जिसमें एक व्यक्ति आठ-आठ जगह नौकरी कर रहा था। जांच के बाद दोषियों को जेल भेजा जाएगा। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भर्ती 2016 की है। अब उसी परिवार के कई रिश्ते सामने आए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2016 में एक्स-रे टेक्नीशियन पदों पर हुई भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ था, जिसमें अर्पित के नाम पर छह और अंकुर के नाम पर दो नियुक्ति पत्र जारी किए गए।