लखनऊ। यूपी के चुनावी रण(election 202) में आज मतदान का दूसरा दौर चल रहा है। स्थानीय प्रशासन ने मतदान को लेकर सुरक्षा की तगड़ी व्यवस्थाएं की है तो वहीं दूसरी ओर सत्ता के संग्राम में उतरने वाले यूपी के सूरमाओं के भी दिलों की धड़कन भी इसलिए तेज हो गई है क्योंकि उनके सामने अपनी जीत का रिकॉर्ड बनाने की चुनौती है।
राजनीति के विश्लेषकों की यदि माने तो यूपी में इस बार का चुनाव चुनौतीपूर्ण हो गया है। कांग्रेस अपनी जीत को सुनिश्चित बता रही है तो वहीं योगी भी एक बार फिर अपने सिर पर सत्ता का ताज पहनने के लिए आतुर है। इस सियासी संग्राम में कई सूरमा ऐसे है जो अपने पुराने रिकॉर्ड को कायम रखने हेतु चुनौती को सामने खड़ी हुई देख रहे है। जिन सूरमाओं की बात यहां हो रही है उनमें आजम खां के अलावा शिवपाल सिंह यादव, रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उमाशंकर सिंह जैसे कद्दावर राजनेता शामिल है।
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रिकॉर्ड अपने नाम किए हुए है
ये सभी ऐसे नेता है जो सबसे अधिक मतों से जीत हांसिल करने का रिकॉर्ड अपने नाम किए हुए है। लेकिन यूपी चुनाव की मौजूदा स्थितियां जो सामने दिखाई दे रही है उसमें अपनी पुरानी जीत को कायम रखने के साथ ही पुरानी जीत के रिकॉर्ड को तोड़ना इन नेताओं के सामने चुनौती है। यही कारण है कि इनके दिलों की धड़कन तेज हो गई है वहीं अपने समर्थकों से भी फीडबेक लिया जा रहा है कि कहीं उन्हें हार का सामना तो इस बार नहीं करना पड़ जाएगा।
अभी कौन कहां से
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बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में आजम खां रामपुर से किला लड़ा रहे है तो वहीं रसड़ा विधानसभा सीट से उमाशंकर सिंह उम्मीदवार है। इसी तरह कुंडा से रघुराज प्रताप सिंह एवं जसवंत नगर से शिवपाल सिंह यादव अपनी किस्मत आजमा रहे है।