योगी सरकार अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से समाज कल्याण विभाग वृद्धावस्था पेंशन, पारिवारिक लाभ, छात्रवृत्ति और सामूहिक विवाह जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं की निगरानी को तकनीक के माध्यम से और अधिक सशक्त बनाने की तैयारी कर रही है। इस तकनीक के इस्तेमाल से फर्जीवाड़े और गड़बड़ियों पर रोक लगाकर लाभ सीधे पात्र लोगों तक पहुंचाने की तैयारी है।
AI से सरकारी योजनाएं होंगी सुरक्षित
हाल ही में समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण की उपस्थिति में “समाज कल्याण योजनाओं में एआई का उपयोग” विषय पर एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें बताया गया कि एआई तकनीक से न केवल अनियमितताओं पर नियंत्रण होगा, बल्कि योजनाओं का लाभ सही पात्रों तक समय पर पहुंचाना भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
प्रक्रियाओं को पेपरलेस बनाना उद्देश्य
इस पहल का मकसद सिर्फ योजनाओं को सुरक्षित करना ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पेपरलेस और अधिक गति देने वाला बनाना भी है। योजनाओं में संभावित अनियमितताओं पर लगाम लगाने के लिए समाज कल्याण विभाग एआई-आधारित निगरानी प्रणाली लागू करने की दिशा में विचार कर रहा है।
डिजिटल ट्रैकिंग से बढ़ेगी पारदर्शिता
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ और वृद्धावस्था पेंशन जैसी योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन निगरानी तंत्र को पहले से ही मजबूत किया जा रहा है। अब इसमें AI के उपयोग से और अधिक सटीकता आएगी, जिससे फर्जी आवेदनों पर रोक लगेगी और वास्तविक पात्रों को समय पर लाभ उपलब्ध हो सकेगा।