मिशन 2027 के तहत एक्टिव हुआ संघ, पश्चिमी यूपी के 10 जिलों में बदले प्रचारक

Author Picture
By Saurabh SharmaPublished On: July 15, 2025

उत्तर प्रदेश में साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। खासतौर पर पश्चिमी यूपी के जिलों में संगठन ने अपनी रणनीति को तेज कर दिया है। संघ ने इस क्षेत्र में अपने प्रचारकों की जिम्मेदारियों में बड़ा बदलाव किया है, ताकि भारतीय जनता पार्टी को और अधिक मज़बूती मिल सके और अधिक से अधिक लोगों को संगठन से जोड़ा जा सके।


संघ की रणनीति है कि जिन क्षेत्रों में आरएलडी और अन्य दलों का असर है, वहां अपने प्रचारकों के ज़रिए जमीनी स्तर पर काम किया जाए। इसका सीधा मकसद यही है कि बीजेपी को आगामी चुनाव में ज्यादा सीटों का लाभ मिले।

पश्चिमी यूपी की जातीय और राजनीतिक गणित पर संघ की नजर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश बीजेपी के लिए राजनीतिक रूप से काफी अहम क्षेत्र है। यह इलाका जाट और मुस्लिम बहुल है, जहां पर राष्ट्रीय लोकदल (RLD) का खासा प्रभाव रहा है। हालांकि इस समय जयंत चौधरी की पार्टी एनडीए का हिस्सा है, लेकिन संघ ने इस क्षेत्र में जमीनी पकड़ को मज़बूत करने के लिए एक बार फिर नई योजना के तहत काम शुरू कर दिया है। संघ की कोशिश है कि इस क्षेत्र में सभी वर्गों – जाट, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक – के बीच जाकर अपनी विचारधारा का प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि चुनाव से पहले एक मज़बूत सामाजिक आधार तैयार किया जा सके।

प्रचारकों को दी गई जिलों की जिम्मेदारी

संघ ने प्रचारकों को विशेष ज़िलों की जिम्मेदारी सौंपी है, जो संगठन की रीति-नीति के तहत वहां जनसंपर्क करेंगे। बदलाव के तहत निम्नलिखित प्रचारकों को कार्यभार सौंपा गया है:

अतुल – गाजियाबाद
आशुतोष – सहारनपुर
रोहित – आगरा
सुधांशु – बदायूं
अखिलेश – चंदननगर
चिरंजीवी – नोएडा
राकेश – हरिद्वार
रवि प्रकाश – शाहजहांपुर
कृष्णा – बरेली
कुलदीप – एटा
गोविंद – हरिगढ़
पारस – मथुरा
देशराज (सह प्रचारक) – बुलन्दशहर
ललित शंकर (सह प्रचारक) – हरिद्वार
नमन (सह प्रचारक) – मेरठ

इन सभी प्रचारकों को अब अपने-अपने क्षेत्रों में संगठन को मज़बूत करने, भाजपा को चुनाव में सहयोग देने और समाज के हर वर्ग तक संघ की पहुंच बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।

संघ चलाएगा जनसंपर्क और वैचारिक अभियान

संघ इन प्रचारकों के ज़रिए अपने विचारों और मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश करेगा। इसके लिए नियमित बैठकें, सामाजिक संपर्क अभियान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और बौद्धिक चर्चाएं आयोजित की जाएंगी। संघ का उद्देश्य है कि लोगों को संगठन से जोड़ा जाए और बीजेपी के लिए एक मज़बूत आधार तैयार किया जाए। इससे न केवल भाजपा को आगामी चुनाव में लाभ मिलेगा बल्कि संघ की भी जमीनी पकड़ और मज़बूत होगी।