Employees Leave Ban : उत्तर प्रदेश के कई जिलों में यमुना नदी से बढ़ते जलस्तर का खतरा मंडरा रहा गया है। हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण अगले 48 घंटे में यमुना नदी पूरी तरह से फरीदाबाद की सीमा में बाढ़ का रूप ले लेगी।
सिंचाई विभाग के अनुसार बैराज से 238000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो अगले 72 घंटे में ओखला बैराज तक पहुंचेगा। ऐसे में बाढ़ की संभावना बन रही है। वर्तमान में फरीदाबाद में यमुना का जलस्तर 199.70 मीटर बढ़ा है जबकि यहां खतरे का निशान 202.30 मीटर है।
प्रशासन का अलर्ट मोड शुरू
ऐसे में यमुना के बढ़ते जलस्तर के खतरे को देखते हुए प्रशासन का अलर्ट मोड शुरू कर दिया गया है। उपायुक्त ने आदेश जारी किए हैं। जिसके तहत सभी अधिकारी और कर्मचारियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है।
बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ पाएंगे कर्मचारी
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। कर्मचारी अधिकारी बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ पाएंगे। उनके मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगाई गई है। सभी अधिकारी कर्मचारियों की छुट्टी को रद्द करते हुए उन्हें प्रशासनिक तौर पर तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
तय है बाढ़ आना
प्रशासन का कहना है कि बाढ़ आना तय है। इसलिए गांव से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया लगातार जारी है। जलस्तर बढ़ते ही हालत गंभीर हो सकते हैं।
बता दे कि इससे पहले 2023 की तरह की स्थिति को देखते हुए प्रशासन में यमुना किनारे के गांव के लोगों को राहत शिविर में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। प्रभावित जिलों में जल भराव के आशंका को देखते हुए चेतावनी जारी कर दी गई है।