लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी मंगलवार (16 जुलाई) को लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। वह भारतीय सेना को लेकर की गई अपनी एक कथित टिप्पणी के मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट रूम में राहुल गांधी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें वह काले कोट पहने एक शख्स के साथ खड़े नजर आ रहे हैं, और ऐसा दावा किया गया कि राहुल गांधी जज के साथ सेल्फी ले रहे हैं। इस फोटो को लेकर राजनीति तेज हो गई, लेकिन बाद में इसका सच सामने आ गया।
क्या वाकई तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति जज हैं?

नहीं। वायरल हो रही इस तस्वीर में जो व्यक्ति राहुल गांधी के साथ खड़े हैं, वह कोर्ट के जज नहीं बल्कि एक अधिवक्ता हैं। इनका नाम है सैयद महमूद हसन, जो लखनऊ सेंट्रल बार एसोसिएशन के वकील हैं। महमूद हसन खुद राहुल गांधी को पसंद करते हैं और जब उन्हें पता चला कि राहुल गांधी कोर्ट में पेशी पर आ रहे हैं, तो वह भी कोर्ट रूम में पहुंच गए। कोर्ट की कार्यवाही के बाद उन्होंने राहुल गांधी के साथ एक साधारण फोटो ली, जो अब सोशल मीडिया पर जज के साथ सेल्फी कहकर वायरल हो रही है।
खुद वकील ने दी सफाई– मैं जज नहीं, राहुल का समर्थक हूं
एडवोकेट सैयद महमूद हसन ने वायरल तस्वीर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह तस्वीर मेरी ही है। मैं राहुल गांधी को पसंद करता हूं, इसलिए उनसे मिलने कोर्ट गया था। वहां अन्य वकील भी थे, और कई ने तस्वीरें लीं। मैं जज नहीं हूं, वकील हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि जानबूझकर इस तस्वीर को गलत तरीके से फैलाया जा रहा है, जिससे लोगों को गुमराह किया जा सके।
राहुल गांधी की पेशी क्यों हुई?
राहुल गांधी इस दिन सेना को लेकर दिए गए बयान के चलते कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने गलवान घाटी की झड़प के दौरान चीनी सैनिकों के बारे में टिप्पणी की थी, जिसे लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इसी मामले में सुनवाई के लिए वह लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंचे थे।